By - Deepika Pal
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17 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत होगी जो 2 अक्टूबर को समाप्त होगी।
कौवों को पूर्वजों के दूत कहते है यानि इनके रूप में वे प्रसाद पाने के लिए धरती पर आते है।
कौवों को पितृ पक्ष में भोजन खिलाने से पूर्वज संतुष्ट होते है।भोजन को नहीं छूते हैं तो असंतुष्ट मानते है।
यम अपने दूत के रूप में कौवों को मृतक के लिए भोजन प्रसाद इकट्ठा करने के लिए भेजते हैं।
शक्तिशाली योद्धा कर्ण को मृत्यु के बाद खाने से किया था वंचित, तो कौवों ने यहां भूमिका निभाई थी।
कौंवे मार्गदर्शक बन जाते हैं जो जीवित लोगों को नकारात्मक ऊर्जा या आत्माओं से बचा सकते हैं।