गुरुग्राम-फरीदाबाद हाईवे पर लगाए जा रहे पौधे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Volvo Car India Reverse Project: वॉल्वो कार इंडिया ने गुरुग्राम-फरीदाबाद हाइवे के किनारे मातृ वन क्षेत्र में नए वृक्षारोपण अभियान के साथ पर्यावरण संरक्षण (सस्टेनेबिलिटी) पर केंद्रित अपने रिवर्स प्रोजेक्ट के विस्तार की घोषणा की है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपनी सीएसआर पहल के तहत कंपनी अरावली रेंज की 20 एकड़ से ज्यादा जमीन पर 20,000 से ज्यादा स्थानीय प्रजाति के वृक्ष लगाएगी। यह वृक्षारोपण हरियाणा वन विभाग के साथ साझेदारी में संकल्पतरु फाउंडेशन के नेतृत्व वाले कम्युनिटी बैरन लैंड ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा।
पिछले साल रिवर्स प्रोजेक्ट के तहत वॉल्वो कार इंडिया ने 35,000 से ज्यादा पेड़ लगाते हुए गाजियाबाद में शहरी कूड़ा स्थल को खूबसूरत हरे-भरे बाग में बदल दिया था। पर्यावरण के प्रति ब्रांड की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए इस साल भी गुरुग्राम में स्थानीय प्रजाति के पेड़ लगाते हुए प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा रहा है।
पर्यावरण को हुए नुकसान को रिवर्स करने के वॉल्वो कार इंडिया के इस प्रयास में सहयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की तरफ से 2-3 जियो-टैग्ड सैपलिंग (जियो टैगिंग वाले पौधे) लगाए जाएंगे। https://reverseproject.volvocarindia.com/ पर लॉगइन करके इच्छुक लोग रजिस्टर करा सकते हैं और इस पहल का हिस्सा बन सकते हैं।
वॉल्वो कार इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ज्योति मल्होत्रा ने कहा कि वॉल्वो कार इंडिया में पर्यावरण संरक्षण हमारे प्रयासों के केंद्र में है। रिवर्स प्रोजेक्ट के तहत हमारे प्रयास दिखाते हैं कि कैसे कॉरपोरेट रेस्पॉन्सिबिलिटी से पर्यावरण एवं स्थानीय परिवेश में सार्थक योगदान दिया जा सकता है। मातृ वन वृक्षारोपण सभी के लिए हरित भविष्य के निर्माण और भारत के जलवायु लक्ष्य में योगदान की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
दिल्ली-एनसीआर को मरुस्थलीकरण और बढ़ते वायु प्रदूषण से बचाने में अरावली रेंज बहुत महत्वपूर्ण ग्रीन बैरियर की तरह भूमिका निभाती है। हालांकि दशकों से पत्थरों की खुदाई, शहरीकरण और पारिस्थितिक दबाव के कारण यहां बड़े पैमाने पर भूमि क्षरण हुआ है।
मातृ वन स्थल अपनी अर्ध-शुष्क जमीन, अपरदित मिट्टी (इरोडेड सॉयल), कम होते वृक्षों और पानी की सीमित उपलब्धता के साथ इन चुनौतियों का जीता जागता उदाहरण है। ऐसे में यहां जलवायु की विभिन्न विपरीत परिस्थितियों में भी जीवित बनी रहने वाली देशी प्रजातियों के पौधों के वैज्ञानिक तरीके से वृक्षारोपण के जरिये इस परियोजना का उद्देश्य इस बिगड़े हुए भूभाग को पुन: एक स्वस्थ, आत्मनिर्भर वन पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में स्थापित करना है, जो स्वच्छ वायु, समृद्ध जैव विविधता और बेहतर मिट्टी एवं जल गुणवत्ता में सहायक बने।
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संकल्पतरु फाउंडेशन के संस्थापक अपूर्व भंडारी ने कहा कि वॉल्वो कार के सहयोग से वैज्ञानिक तरीके से और जैव विविधता से भरपूर वृक्षारोपण की पहल के माध्यम से अरावली की पहाड़ियों को रीस्टोर करने के हमारे मिशन को मजबूती मिली है। सभी पौधों की जियो टैगिंग, आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) के माध्यम से निगरानी और सामुदायिक जुड़ाव के जरिये मातृ वन प्रोजेक्ट यहां की बंजर हो रही भूमि को एक फलते-फूलते क्षेत्र में बदल रहा है। यह साझेदारी दिखाती है कि कैसे टेक्नोलॉजी और सार्थक साझेदारी से जलवायु संरक्षण की दिशा में सार्थक प्रयासों को गति मिल सकती है।