तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोआन (फोटो- सोशल मीडिया)
तुर्किये में एक बार फिर लोकतंत्र की स्थिति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। शनिवार को दक्षिणी शहरों के तीन विपक्षी मेयर्स को रिश्वतखोरी और संगठित अपराध के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले मार्च में इस्तांबुल के मेयर एकरेम इमामोग्लू, जो राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं, को भी हिरासत में लिया गया था। विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी को 2028 के चुनाव से पहले सियासी विरोधियों को खत्म करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
गिरफ्तार किए गए मेयर्स में अदियामान शहर के अब्दुल रहमान तुतडेरे, अदाना के जेदान कारालार और अनताल्या के मुहीत्तिन बोकेक शामिल हैं। तीनों ही रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी (CHP) से जुड़े हुए हैं। तुतडेरे को अंकारा से और कारालार को इस्तांबुल से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने पुष्टि की कि इन नेताओं के साथ 10 अन्य लोगों को भी संगठित अपराध और घोटाले के आरोप में हिरासत में लिया गया है। हालांकि, अभी तक आरोपों का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया है।
विपक्ष के गढ़ पर एक-एक कर गिर रही हैं गाज
इस्तांबुल, इजमिर और अनताल्या जैसे बड़े शहरों में विपक्ष की पकड़ मजबूत रही है। इमामोग्लू जैसे नेता राष्ट्रपति एर्दोआन को खुली चुनौती देने की स्थिति में हैं। मार्च में उनकी गिरफ्तारी के बाद देशभर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसे पिछले एक दशक के सबसे बड़े आंदोलन के रूप में देखा गया। इसी क्रम में अब अन्य विपक्षी मेयरों पर कार्रवाई को विपक्षी दलों को कमजोर करने की कोशिश माना जा रहा है।
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चुनाव से पहले विपक्ष को कमजोर करने की रणनीति
तुर्किये में 2028 में आम चुनाव होने हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि वर्तमान सत्ता सत्ता-विरोधी लहर से चिंतित है और चुनावी गणित को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए विपक्षी नेतृत्व को निशाना बना रही है। मानवाधिकार संगठनों ने इन गिरफ्तारियों पर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि यदि आरोप गंभीर हैं तो निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित हो। अभी तक कई गिरफ्तार नेताओं के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही शुरू नहीं हो सकी है, जिससे सियासी दमन के आरोप और मजबूत हो रहे हैं।