बांग्लादेश में छात्रों का हिंसक प्रदर्शन
ढाका: बांग्लादेश में एक बार फिर से छात्रों और पुलिस के बीच फिर से हिंसा भड़क गई है। छात्रों ने हाल ही में हुई हिंसा से पीड़ित लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। तभी हिंसा फिर से भड़क उठी। हालात में सुधान न होते हुए देख बांग्लादेश सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया।
स्टूडेंट शाखा भी बैन
बांग्लादेश ने देशव्यापी अशांति के बाद कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पार्टी और उसकी छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिबिर पर प्रतिबंध लगाया। उत्तर-पूर्वी नगर सिलहट के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया। जिसके बाद पुलिस ने छाात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे। राजधानी ढाका समेत दूसरे शहरों में भी झड़प की घटनाएं सामने आईं हैं। इस महीने हुई हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
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क्यों कर रहे थे प्रदर्शन
पुलिस ने लगभग एक हजार लोगों को हिरासत में भी लिया है। दक्षिणी शहर बारिसल से बीबीसी बांग्ला को भेजी गई तस्वीरों में पुलिस को लाठी चलाते, बैरिकेडिंग करते और प्रदर्शनकारियों को ले जाते हुए देखा जा सकता है।बुधवार को छात्रों ने मार्च फॉर जस्टिस का आह्वान किया था।स्टूडेंट्स का कहना है कि वह सामूहिक हत्या, हमलों, गिरफ्तारियों और स्टूडेंट्स के लापता होने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
क्यों बांग्लादेश में उठी हिंसा
इससे पहले बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर चल रहा विरोध प्रदर्शन, हिंसक रूप ले लिया था। जहां को पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे, साथ ही राजधानी ढाका में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके साथ ही हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई थीं। यही नहीं बांग्लादेश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में 64 से ज्यादा लोगों की मौत हो थी और कई लोग घायल हो गए थे।
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