
चचेरे भाई ने कुल्हाड़ी से मां-बेटे की हत्या कर खुद भी दी जान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
वर्धा: वर्धा जिले के निमसडा गांव में शुक्रवार की सुबह एसी भयानक वारदात घटी कि सब सकते में आ गए। खेती की जमीन के बंटवारे को लेकर शुरू हुआ झगड़ा ऐसा बढ़ा कि एक ही परिवार के 3 लोग मौत के मुंह में समा गए। चचेरे भाई महेंद्र मोहिजे ने अपनी चाची और चचेरे भाई पर कुल्हाड़ी से ऐसा कहर ढाया कि गांव वालों की रूह कांप उठी। वारदात के बाद उसने खुद भी ज़हर पीकर अपना जीवन समाप्त कर लिया।
गांव में इस भयानक हत्याकांड के बाद मातम फैला है, लोग सहमे हुए हैं और हर गली में बस एक ही चर्चा है कि जमीन के लिए अपनों का खून कैसे बहा। पुलिस के मुताबिक मारी गई महिला साधना सुभाष मोहिजे (55) और उनका बेटा नितीन सुभाष मोहिजे (27) खेती की जमीन के बंटवारे को लेकर लंबे समय से महेंद्र से उलझे थे। परिवार में खेत का हिस्सा ठेके पर देने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि बात गाली-गलौज से खूनी खेल तक पहुंच गई।
सुबह के वक्त झगड़ा इस कदर उग्र हुआ कि महेंद्र ने कुल्हाड़ी उठाई और ताबड़तोड़ वार करके मां-बेटे को मौत के घाट उतार दिया। खून से सनी मिट्टी, चीख-पुकार और सहमे गांव वाले पूरा गांव कुछ देर के लिए थम सा गया। इसके बाद हत्यारे महेंद्र ने खुद भी ज़हर पी लिया। लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन अस्पताल ले जाने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
घटना की खबर जंगल में आग की तरह फैली। अलीपुर पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई। पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल चौहान ने खुद मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की। तीनों शवों को वर्धा जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक परिवार में जमीन के बंटवारे और ठेके पर खेती देने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। गांव के बुजुर्गों ने भी माना कि यह विवाद कई बार पंचायत तक पहुंच चुका था लेकिन हल नहीं निकला।
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निमसडा गांव की गलियां शुक्रवार दोपहर तक सुनसान थीं। महिलाएं रोती-बिलखती दिखीं और लोग कानाफूसी में पूछते रहे कि क्यों नहीं कोई समझौता कराया? क्यों तीन घर उजड़ गए? गांव में डर का माहौल भी है लोग कह रहे हैं कि इस घटना ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। बुजुर्ग बार-बार कह रहे हैं “जमीन-जायदाद का लालच ऐसा होता है कि इंसानियत तक मर जाती है।”
पुलिस ने गांववालों से अपील की है कि जमीन-जायदाद के झगड़े पंचायत या कोर्ट में सुलझाएं। एसपी अनुराग जैन ने कहा “यह घटना एक सबक है। कानून के बजाय हिंसा चुनने से सिर्फ बर्बादी मिलती है।” यह दर्दनाक घटना समाज को चेतावनी देती है कि जमीन, पैसा और संपत्ति के लिए रिश्तों की बलि न दें। यह त्रासदी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि उस सोच की हार है जिसमें इंसानियत और अपनापन, लालच के सामने हार जाता है।






