CJI ने किया बाबासाहब की प्रतिमा का अनावरण (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में नागपुर शहर में ही क्रांतिकारी धम्म प्रचार किया था। इस क्रांतिकारी घटना की स्मृति को जीवित रखने और उससे प्रेरणा लेने के लिए दीक्षाभूमि स्मारक की स्थापना की गई। भारत के भौगोलिक केंद्र जीरो माइल पर संविधान चौक बनाया गया और अब डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि विद्यालय परिसर में संविधान प्रस्तावना पार्क बनाया गया है।
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि विद्यालय परिसर, संविधान प्रस्तावना पार्क और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की पूर्ण लंबाई वाली प्रतिमा का उद्घाटन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई इन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजुदगी में किया। मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई इस दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह संरचना यहां आने वाले प्रत्येक नागरिक को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के महान कार्यों की याद दिलाएगी और प्रेरित करेगी। उन्होंने संविधान की अमृत जयंती के वर्ष में भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालने और नागपुर की अपनी पहली यात्रा में संविधान प्रस्तावना पार्क का उद्घाटन करने के संयोग पर संतोष व्यक्त किया।
उन्होंने यह भी कहा कि इस पार्क में लगाए गए भित्ति चित्र, बाबासाहेब के मूल वाक्य आदि उल्लेखनीय हैं। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण की प्रक्रिया के साथ-साथ इसमें निहित विभिन्न महत्वपूर्ण मूल्यों के बारे में विस्तृत जानकारी देकर उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन किया।
भारताचे सरन्यायाधीश मा. भूषण गवई, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी यांनी ‘संविधान प्रास्ताविका पार्कच्या उदघाटन कार्यक्रम’ प्रसंगी संविधान प्रास्ताविका पार्कची पाहणी केली.
भारतीय संविधान हे जगातील सर्वोत्कृष्ट संविधानांपैकी एक आहे. या संविधानाची ओळख… pic.twitter.com/qSJZLOX1Yj— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) June 28, 2025
इस अवसर पर राजस्व मंत्री तथा पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, विधि एवं न्याय राज्यमंत्री एडवोकेट आशीष जयसवाल, सामाजिक न्याय विभाग के प्रधान सचिव हर्षदीप कांबले, उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के प्रशासकीय न्यायाधीश नितिन सांबरे, पूर्व मंत्री नितिन राऊत, पूर्व सांसद जोगेंद्र कवड़े, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. माधवी खोड़े-चावरे, संविधान प्रस्तावना पार्क समिति के अध्यक्ष गिरीश गांधी तथा इस समिति के सदस्य उपस्थित थे।
भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने वैश्विक मूल्यों और भारतीय शाश्वत मूल्यों को मिलाकर भारतीय संविधान की रचना की है और संविधान की प्रस्तावना संविधान का मूल है। देश के नागरिकों को प्रस्तावना में दिए गए मूल्यों को अपनाना चाहिए, इससे देश की 90 प्रतिशत समस्याओं का स्थायी समाधान हो जाएगा, ऐसा आज यहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि संविधान प्रस्तावना पार्क और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की पूर्ण लंबाई वाली प्रतिमा का उद्घाटन, वही कॉलेज जहां भारतीय संविधान का पाठ पढ़ाया जाता था और संवैधानिक मूल्यों को व्यवहार में लाया जाता था, यह बहुत ही महत्वपूर्ण और संतोष की बात है।” संविधान की अमृत जयंती के वर्ष में इस पार्क का पूरा होकर जनता के लिए खोला जाना भी एक महत्वपूर्ण बात है।
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राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने संविधान प्रस्तावना पार्क बनाने की पहल की और राज्य सरकार की वित्तीय सहायता और जनभागीदारी से यह महान संकल्पना साकार हुई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि महाविद्यालय के पूर्व छात्र होने के नाते उन्हें इस बात पर गर्व और संतुष्टि है कि इस पार्क के माध्यम से संविधान के मूल विचार इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों सहित समूचे जनमानस तक पहुंचेंगे।
भारतीय संविधान ने एक जीवंत लोकतंत्र का निर्माण किया है तथा अपने नागरिकों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकार, समान अवसर और न्याय सुनिश्चित किया है। यही कारण है कि भारत ने संविधान में निहित मूल्यों का पालन करके दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का गौरव प्राप्त किया है। प्रस्तावना संविधान का मूल है।
संविधान प्रस्तावना पार्क के मध्य में संविधान को हाथ में लिए भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रस्तावना पार्क में भारतीय संविधान के दस मूल्यों हम लोग, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, गणतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के भित्ति चित्र लगाए गए हैं।
प्रस्तावना पार्क में लोकतंत्र के प्रमुख स्तंभ राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय और अशोक स्तंभ की प्रतिकृतियां भी बनाई गई हैं। संपूर्ण संविधान प्रस्तावना पार्क साढ़े नौ करोड़ रुपये की लागत से दो एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है। इस पार्क में प्रवेश के लिए भव्य प्रवेश द्वार भी बनाया गया है।