ह.भ.प. संगीता ताई की पत्थर से निर्मम हत्या (सौजन्यः सोशल मीडिया)
छत्रपती संभाजीनगर: जिस मां ने पूरे जीवन में उपदेश और भक्ति से लोगों को प्रेम और नैतिकता का पाठ पढ़ाया, उसी का जीवन अपनों ने पत्थर से कुचल कर छीन लिया। श्रद्धा का केंद्र माने जाने वाले आश्रम में अब मातम और खामोशी फैली है। वैजापुर के मोहटादेवी क्षेत्र में स्थित आश्रम में रविवार सुबह दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। जानी-मानी धार्मिक उपदेशक ह.भ.प. संगीता ताई महाराज की पत्थर से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई।
यह वारदात शनिवार देर रात या रविवार तड़के हुई बताई जा रही है। ह.भ.प. संगीता ताई महाराज अपने कक्ष में विश्राम कर रही थीं, तभी हमलावरों ने उन पर पत्थर से लगातार वार किए। उनके सिर और चेहरे पर गहरी चोटें आईं, जिससे मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। सुबह जब अनुयायी और स्थानीय लोग पहुंचे तो आश्रम का फर्श खून से सना था और दीवारों पर खून के छींटे थे। पवित्र स्थल में यह भयावह मंजर देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस हत्या का आरोप ह.भ.प. संगीता ताई महाराज के ही बेटे और बहू पर है। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि आश्रम की संपत्ति और अधिकार को लेकर परिवार में लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसी पारिवारिक कलह ने यह खौफनाक रूप ले लिया। पुलिस ने बेटे और बहू को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह घटना बताती है कि पारिवारिक झगड़े कितने घातक हो सकते हैं।
पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की बारीकी से जांच की। खून से सना पत्थर, कपड़े और अन्य सामान जब्त किया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, ताकि मौत का सही समय और हमले का तरीका साफ हो सके। आश्रम में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है ताकि घटना के समय की गतिविधियों की पुष्टि हो सके। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
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ह.भ.प. संगीता ताई महाराज एक प्रतिष्ठित धार्मिक उपदेशक थीं, जिन्होंने जीवनभर लोगों को धर्म, नैतिकता और सेवा का मार्ग दिखाया। उनकी हत्या की खबर से पूरा मोहटादेवी क्षेत्र और आसपास के गांव सदमे में हैं। श्रद्धालु बड़ी संख्या में आश्रम पहुंचे और अंतिम श्रद्धांजलि दी। कई लोगों ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि इतना पवित्र स्थल इस तरह के अपराध का गवाह बनेगा। लोगों ने प्रशासन से मांग की कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए ताकि ऐसा जघन्य कृत्य दोबारा न हो।
मोहटादेवी आश्रम वर्षों से धार्मिक प्रवचन, भजन और सत्संग का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां दूर-दूर से लोग आत्मिक शांति और शिक्षा लेने आते थे। ह.भ.प. संगीता ताई महाराज इस आश्रम की मुख्य प्रवचनकार थीं और वहां की पहचान मानी जाती थीं। अब वही जगह एक निर्मम हत्या का स्थल बन गई है। यह घटना समाज के सामने बड़ा सवाल भी खड़ा करती है। क्या संपत्ति और अधिकार की लड़ाई रिश्तों को इतना जहरीला बना सकती है?
पुलिस ने हत्या की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। दोष सिद्ध होने पर आरोपियों को आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों ने साफ किया है कि कोई समझौता या दबाव नहीं चलेगा और न्याय दिलाने के लिए पूरी सख्ती बरती जाएगी। मामले की गहराई से जांच जारी है ताकि सच्चाई पूरी तरह सामने लाई जा सके।
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं है । यह पारिवारिक कलह और लालच की वह भयावह तस्वीर है जो रिश्तों को ही खून से रंग देती है। जिसने अपने जीवन में दूसरों को धर्म, प्रेम और करुणा का उपदेश दिया उसी का जीवन अपनों ने छीन लिया। अब पूरा समाज यही चाहता है कि इस जघन्य हत्या के दोषियों को ऐसी सजा मिले जो उदाहरण बने और धार्मिक स्थलों की पवित्रता को फिर से सुरक्षित किया जा सके।