अमरावती न्यूज
Amravati News: अमरावती जिले में अनाथ और आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं के लिए शुरू की गई ‘सावित्रीबाई फुले दत्तक पालक योजना’ पिछले कुछ वर्षों से पूरी तरह ठप पड़ी है और इस योजना के तहत एकत्रित लाखों रुपये की राशि बैंकों में बेकार पड़ी है।इस योजना के तहत जमा की गई ब्याज राशि का छात्राओं तक न पहुंच पाने की तस्वीर सामने आई है।
शिक्षक संगठन का कहना है कि जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण यह योजना ठप पड़ी है। शिक्षकों ने स्वयं अंशदान एकत्र करके इस योजना के लिए लाखों रुपये का कोष जुटाया था। हालांकि, अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस निधि का लाभ जरूरतमंद छात्राओं तक नहीं पहुंच पा रहा है।
इस योजना को फिर से शुरू किया जाए और इन बच्चों के खातों में कम से कम 500 रुपये सीधे जमा करने की मांग शिक्षक संगठन ने की है। शिक्षकों द्वारा शुरू की गई यह अनूठी पहल जिले में शिक्षा के प्रति समर्पित शिक्षकों और शिक्षा प्रेमियों द्वारा शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य जिले के गरीब, होनहार और ख़ासकर अनाथ छात्रों को शिक्षा सहायता प्रदान करना था।
इसके लिए शिक्षकों ने आपस में मिलकर राशि एकत्रित की और उसे जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक और महाराष्ट्र बैंक में फिक्स डिपॉजिट के रूप में रखी। इस पर मिलने वाले ब्याज से जरूरतमंद छात्रों को 300 रुपये प्रति माह सहायता प्रदान करने की योजना बनाई गई थी।
शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह सहायता योजना अब बंद हो गई है। शुरुआत में इस योजना का जिम्मा प्राथमिक शिक्षा विभाग के पास था, लेकिन किसी भी शिक्षक संगठन को विश्वास में लिए बिना इस योजना को पारस्परिक शिक्षा विस्तार अधिकारी को हस्तांतरित कर दिया गया।
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शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह योजना सरकार की नहीं है, बल्कि पूरी तरह से शिक्षकों के के राशि पर चलती है, इसलिए इसे इस तरह हस्तांतरित करना उचित नहीं था। अगर यह निधि ऐसे ही पड़ी रही और इसका सही इस्तेमाल नहीं हुआ, तो सरकार इस निधि को ‘जमा’ कर सकती है, ऐसी संभावना जताई जा रही है।
योजना को एक बार फिर प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से लागू किया जाना चाहिए। लाखों रुपए की राशि जमा होने के बावजूद जरूरतमंद लड़कियों को मदद से वंचित रखना अनुचित है। प्रशासन इस ओर तुरंत ध्यान देकर योजना को पुनः शुरू करें।
– संभाजी रेवाले, जिला मार्गदर्शक, प्राथमिक शिक्षक समिति