बिहार विधानसभा के सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए बिहार विधानसभा चुनाव- 2025 नवम्बर महीने में होने जा रहा है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित कर दी गयी है। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। इसीलिए उसके पहले ... चरणों में चुनाव कराया जा रहा है। पिछली बार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2020 में हुए थे। चुनाव के बाद, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने राज्य सरकार बनायी थी और नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन, अगस्त 2022 में घटनाक्रम बदला और नीतीश कुमार ने जेडी(यू) के नेतृत्व में चल रही सरकार का NDA से नाता तोड़ लिया और RJD के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ मिलकर नयी सरकार बना ली। लेकिन यह सरकार भी अधिक दिनों तक नहीं चली। बाद में, जनवरी 2024 में, नीतीश कुमार को गलती का एहसास हुआ तो फिर से जेडी(यू) ने RJD और महागठबंधन से नाता तोड़ लिया और एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व वाले NDA के साथ सरकार बना ली। तब से नीतीश कुमार NDA के साथ हैं और 2025 का विधानसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस-राजद और अन्य विरोधी दल एक साथ मिलकर नीतीश कुमार की सत्ता को उखाड़ने की कोशिश करने वाले हैं। इस चुनाव में जन-सुराज की भी जमीनी हकीकत परखी जाएगी और यह पता चल जाएगा कि कई मुख्यमंत्रियों को सत्ता दिलाने वाले प्रशांत किशोर अपने लिए क्या हासिल कर पाते हैं।
| CONSTITUENCY NAME | CANDIDATE NAME | PARTY | STATUS |
Nov 22, 2025 | 09:07 PM
Nov 22, 2025 | 03:51 PM
Nov 21, 2025 | 07:43 PM
Nov 21, 2025 | 06:27 PM
Nov 21, 2025 | 05:11 PM
Nov 13, 2025 | 01:00 PM
Nov 12, 2025 | 01:26 PM
Nov 12, 2025 | 01:15 PM
Nov 11, 2025 | 02:40 PM
NDA गठबंधन ने 202 सीटों पर जीत हासिल की है।
BJP ने 89 सीटें जीतीं और JD(U) ने 85 सीटों पर जीत हासिल की है।
RJD ने कुल वोटों में लगभग 23% का वोट शेयर हासिल किया, जो BJP और JD(U) से ज्यादा है।
इस चुनाव में लगभग 67.13% वोटिंग हुई, जो बिहार में एक रिकॉर्ड स्तर की भागीदारी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, JD(U) की महिला केंद्रित कल्याण योजनाओं (जिनमें ₹10,000 की स्कीम भी है) ने NDA को चुनाव में मजबूती दी।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता है। इनमें, महिला वोटरों की संख्या 3.50 करोड़ है, जबकि पुरुष वोटरों की संख्या 3.92 करोड़ है।
Mahagathbandhan महज 35 सीटों पर सिमट गई है। पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार 75 सीटों का नुकसान हुआ है।
Jan Suraaj Party (प्रशांत किशोर की पार्टी) इस चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई।
1. पहली बार वोट कर रहे वोटर्स का मजबूत समर्थन 2. वोटिंग से पहले कैश ट्रांसफर का सीधा असर। 75 लाख महिलाओं के खातों में सीधे 10-10 हजार रुपये भेजे गए। 3. शराबबंदी पर जनता की मुहर। 4. ‘ब्रांड नीतीश’ पर वोटरों का भरोसा