
RLM प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाए जाने पर दी सफाई (फोटो- सोशल मीडिया)
RLM Cheaf Upendra Kushwaha Statement on Son: बिहार की राजनीति में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाए जाने के बाद उठे सवालों का जवाब एक बेहद भावुक और शायराना अंदाज में दिया है। परिवारवाद के आरोपों से घिरे कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट लिखकर अपना दर्द बयां किया। उन्होंने साफ कहा कि यह फैसला उनके लिए जहर पीने जैसा था, लेकिन पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए उन्हें यह कड़वा घूंट पीना ही पड़ा। उनकी यह सफाई अब चर्चा का विषय बन गई है।
कुशवाहा ने अपनी प्रतिक्रिया में पिछले राजनीतिक अनुभवों का हवाला दिया है। उनका कहना है कि अतीत में उन्होंने पार्टी के विलय जैसे फैसले लिए जो आत्मघाती साबित हुए। लोग उनकी पार्टी से सांसद और विधायक तो बने, लेकिन बाद में साथ छोड़ गए और उनकी झोली खाली रह गई। वे फिर से शून्य पर नहीं पहुंचना चाहते थे, इसलिए उन्हें यह कठोर कदम उठाना पड़ा। उन्होंने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि समुद्र मंथन से अमृत और जहर दोनों निकलता है और कुछ लोगों को जहर पीना पड़ता है, मैंने वही किया है।
कल से मैं देख रहा हूं, हमारी पार्टी के निर्णय को लेकर पक्ष और विपक्ष में आ रही प्रतिक्रियाएं….उत्साहवर्धक भी, आलोचनात्मक भी..! आलोचनाएं स्वस्थ भी हैं, कुछ दूषित और पूर्वाग्रह से ग्रसित भी। स्वस्थ आलोचनाओं का मैं हृदय से सम्मान करता हूं। ऐसी आलोचनाएं हमें बहुत कुछ सिखाती हैं,… — Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) November 21, 2025
उपेंद्र कुशवाहा ने पूर्वाग्रह से ग्रसित आलोचकों पर तंज कसते हुए लिखा कि सवाल जहर का नहीं था, वो तो मैं पी गया। तकलीफ उन्हें तो बस इस बात से है कि मैं फिर से जी गया। उनका मानना है कि कुछ लोगों को उनके फैसले से दिक्कत नहीं है, बल्कि परेशानी इस बात से है कि वे तमाम मुश्किलों के बाद भी राजनीति में दोबारा खड़े कैसे हो गए। उन्होंने माना कि इस फैसले से उन पर परिवारवाद का ठप्पा लगेगा, लेकिन अपनी लोकप्रियता को जोखिम में डालकर भी उन्होंने पार्टी हित को ऊपर रखा है। वे जानते थे कि आलोचना होगी, लेकिन पार्टी को बिखरने से बचाने के लिए यह कदम अपरिहार्य था।
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अपने बेटे दीपक प्रकाश की योग्यता पर उठ रहे सवालों का भी उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनका बेटा कोई फेल विद्यार्थी नहीं है, बल्कि उसने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। उसे पूर्वजों से अच्छे संस्कार मिले हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि दीपक को थोड़ा वक्त दिया जाए, वह अपनी काबिलियत साबित करके दिखाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी की योग्यता का मूल्यांकन उसकी जाति या परिवार से नहीं, बल्कि उसकी काबिलियत से होना चाहिए। कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि स्वस्थ आलोचनाओं का वे हमेशा स्वागत करते हैं क्योंकि वे बहुत कुछ सिखाती हैं।






