सांकेतिक तस्वीर
Russia-NATO Tensions: नाटो (NATO) ने शुक्रवार को बताया कि रूसी MiG‑31 विमानों ने एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की, जिसके बाद नाटो के लड़ाकू विमानों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें रोक लिया। गठबंधन ने इस घटना को रूस के “लापरवाह व्यवहार” का एक और उदाहरण बताया है। नाटो ने पहले ही रूस को इसे लेकर चेतावनी दी थी।
नाटो के एक प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, “आज सुबह रूसी विमान एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में घुसे। नाटो ने तुरंत जवाब दिया और उन विमानों को रोक लिया।” रूस के बढ़ते हमलों के चलते नाटो ने रूसी सीमा से लगे देशों में सै्न्य तैनाती को बढ़ाया है।
यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब यूरोप में सुरक्षा हालात पहले से ही बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद नाटो ने अपने पूर्वी मोर्चे पर सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए हैं। बाल्टिक देशों, विशेष रूप से एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती और लड़ाकू विमानों की उपस्थिति बढ़ा दी गई है।
एस्टोनिया, जिसकी सीमा रूस से लगती है, पहले भी कई बार रूसी विमानों द्वारा उसके हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की शिकायत कर चुका है। ऐसी घटनाओं को लेकर क्षेत्रीय तनाव और अधिक गहराता जा रहा है। नाटो ने स्पष्ट किया है कि वह अपने सदस्य देशों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह के अतिक्रमण का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
इससे पहले पोलैंड ने आरोप लगाया था कि रूस के कई ड्रोन उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर चुके हैं। इस स्थिति को गंभीर बताते हुए पोलैंड ने नाटो के अनुच्छेद 4 के तहत परामर्श की मांग की है। यह अनुच्छेद तब लागू होता है जब किसी सदस्य देश को अपनी सुरक्षा या सीमाओं को लेकर खतरा महसूस होता है।
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रूस का कहना है कि, नाटो अपनी सैन्य गतिविधियाँ बढ़ाकर उसकी सीमाओं के करीब आ रहा है, जिससे उसे अपनी सुरक्षा पर खतरा महसूस हो रहा है। रूस का कहना है कि नाटो द्वारा यूक्रेन को हथियार मुहैया कराना और उसे लंबी दूरी के हमलों की अनुमति देना युद्ध की स्थिति को और भड़का रहा है।