
हरलीन देओल और हरमनप्रीत कौर (फोटो- सोशल मीडिया)
ICC Women’s World Cup 2025: आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 का खिताब भारतीय महिला क्रिकेट टीम के नाम रहा। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रनों से मात देकर पहली बार वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल किया। इस जीत के साथ भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया और देशभर में जश्न का माहौल छा गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह चमचमाती ट्रॉफी हमेशा के लिए भारतीय टीम के पास नहीं रहेगी।
आईसीसी के नियमों के अनुसार, किसी भी टीम को असली ट्रॉफी स्थायी रूप से नहीं दी जाती। विजेता टीम को जो ट्रॉफी दी जाती है, वह डमी या रेप्लिका ट्रॉफी होती है, जो असली जैसी ही दिखती है और उसमें सोने-चांदी का इस्तेमाल भी होता है।
असल ट्रॉफी केवल फाइनल जीतने के बाद अवॉर्ड सेरेमनी और फोटोशूट के दौरान टीम को सौंपी जाती है। इसके बाद उसे वापस आईसीसी के दुबई हेडक्वार्टर में रख दिया जाता है। इस नियम की शुरुआत लगभग 26 साल पहले की गई थी ताकि ट्रॉफी को चोरी या नुकसान से बचाया जा सके।
आईसीसी के इस नियम के तहत टीम को ट्रॉफी सिर्फ विक्ट्री परेड और मीडिया सेशन तक ही दी जाती है। इसके बाद उसे लौटाना अनिवार्य होता है। यह नियम पुरुष और महिला दोनों वर्ल्ड कप ट्रॉफियों पर समान रूप से लागू है।
महिला वर्ल्ड कप 2025 की ट्रॉफी बेहद खास और खूबसूरत है। इसका वजन करीब 11 किलो और ऊंचाई लगभग 60 सेंटीमीटर है। यह ट्रॉफी सोने और चांदी से बनाई गई है।
इसमें तीन चांदी के कॉलम हैं, जो स्टंप और बेल्स के आकार के हैं, जबकि इसका शीर्ष हिस्सा सोने का ग्लोब है जो विश्व क्रिकेट का प्रतीक है।
इस ट्रॉफी पर अब तक के सभी विजेताओं के नाम खुदे हुए हैं। इस बार भारतीय महिला टीम का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ गया है। अब तक खेले गए 13 महिला वनडे वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 7 बार खिताब जीता है, इंग्लैंड ने 4 बार, जबकि न्यूजीलैंड और अब भारत ने 1-1 बार ट्रॉफी अपने नाम की है।
नवी मुंबई में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया। जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 246 रन पर सिमट गई और भारत ने मुकाबला 52 रनों से जीत लिया। टीम की सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने शानदार 87 रन बनाए और गेंदबाजी में दो विकेट लेकर ऑलराउंड प्रदर्शन किया, जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
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वहीं, दीप्ति शर्मा ने 58 रनों की अहम पारी खेलने के साथ-साथ 5 विकेट झटके। साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ट ने शतक (101 रन) लगाया, लेकिन वह टीम को जीत नहीं दिला सकीं। भारतीय महिला टीम की यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के सपनों की पूर्ति है। यह सफलता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी और भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो जाएगी।






