
शैफाली वर्मा (फोटो- सोशल मीडिया)
IND-W vs SA-W: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा ओपनर शैफाली वर्मा ने आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका के खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए बड़ा कमाल कर दिखाया। टूर्नामेंट की शुरुआत में वे मुख्य स्क्वाड का हिस्सा नहीं थीं, लेकिन सेमीफाइनल से पहले ओपनर प्रतिका रावल के चोटिल होकर बाहर होने के बाद शैफाली को टीम में शामिल किया गया। सेमीफाइनल में भले ही उनका बल्ला नहीं चला, लेकिन फाइनल में उन्होंने अपने करियर की सबसे अहम और शानदार पारी खेली।
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में शैफाली ने अपने स्वाभाविक आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की। उन्होंने 78 गेंदों पर 87 रनों की पारी खेली, जिसमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल थे। इस पारी ने भारत को ठोस शुरुआत देने के साथ ही साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों पर दबाव भी बना दिया। शैफाली का आत्मविश्वास और शॉट चयन देखने लायक था।
Recalled into the squad for the Semis, and today plays a crucial knock in the World Cup final. Shafali Verma you beauty 🔥🇮🇳 pic.twitter.com/Xd9ZEoZgiZ — Rajasthan Royals (@rajasthanroyals) November 2, 2025
शैफाली ने इस पारी के साथ वुमेंस वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की ओर से सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड पूनम राउत के नाम था, जिन्होंने साल 2017 के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 86 रन बनाए थे। शैफाली ने यह रिकॉर्ड तोड़कर न सिर्फ भारतीय क्रिकेट में नया इतिहास रचा बल्कि अपनी बल्लेबाजी से टीम के लिए मजबूत नींव भी रखी।
शैफाली ने अपनी इस शानदार पारी के साथ एक और ऐतिहासिक रिकॉर्ड अपने नाम किया। वे अब महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में 50 या उससे अधिक रन बनाने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बन गई हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया की जेस कैमरोन (अब जेस डफिन) के नाम था, जिन्होंने 2013 वर्ल्ड कप फाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ 75 रनों की पारी खेली थी। जेस उस समय 23 साल 235 दिन की थीं, जबकि शैफाली ने यह उपलब्धि सिर्फ 21 साल 278 दिन की उम्र में हासिल कर ली।
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शैफाली वर्मा की इस शानदार पारी ने भारत को फाइनल में बेहतरीन शुरुआत दिलाई। उन्होंने स्मृति मंधाना के साथ मिलकर शुरुआती विकेट के लिए अहम साझेदारी की, जिससे टीम इंडिया को बड़ा स्कोर खड़ा करने की राह आसान हो गई। उनकी ये पारी न सिर्फ भारतीय फैंस के लिए खुशी का पल बनी, बल्कि यह उनके करियर की सबसे यादगार पारियों में से एक बन गई।






