लार, छीक, स्पर्श से फैल रही बिमारी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Infectious diseases: मौसम में होनेवाले बदलाव के साथ ही संक्रमन बिमारियां जोर करने लगती है़। बरसात के दिनों में इन बिमारियों के चपेट में नागरिक आते है़। स्कूलें शुरु होने से छोटे बालक भी इन बिमारियों का शिकार होते है़। पिछले कुछ दिनों से छोटे बच्चों में हैण्ड, फूट, माउथ यह बिमारी पायी जा रही है़। इस बिमारी से बचने का आह्वान चिकित्सक कर रहे है़।
बता दें कि, पिछले कुछ वर्षों में मौसम में निरंतर बदलाव देखे जा रहे है़। बारिश के मौसम में कडी धूप खिलती हैं, तो गर्मी के दिनों में बदरिला मौसम छाया रहता है़ ठंड के दिनों में चिलचिलाती गर्मी रहती है़ इसका असर मानवी शरिर पर होता है़। स्वास्थ्य खराब होकर लोगों को संक्रामक बिमारियां जखड लेती है़ इन दिनों बारिश के मौसम में छोटे बच्चों में हैण्ड, फुट, माउथ यह संक्रामक बिमारी पायी जा रही है़।
यह एक किटजन्य बिमारी है़ जो कॉक्सकी इस किट से फैलती है़ यह किटजन्य बिमारी होने से लार, थूक, छीक अथवा स्पर्श से फैलती है़। इस बिमारी के प्राथमिक लक्षण बुखार आना, शरिर, हाथ अथवा तलवें पर, पिछले हिस्से में बारीक लाल रंग की पुंसिया दिखाई देती है़। इसी के साथ गले में फोडे होकर दर्द होता है़। इससे कमजोरी भी आती है़ यह बिमारी गंभीर नहीं हैं, किन्तु इसके गंभीर परिणामव हो सकते है़ इसके लक्षण पाये जाने पर तुरंत नजदीकि अस्पताल में जाकर जांच करनी चाहिए़।
उक्त संक्रमीत बिमारी पाये जाने पर अभिभावकों को विशेष सूचना दी गई है़। बच्चों में बुखार अथवा उनके गले में दर्द होने एवं शरिर पर बारिक लाल रंग की पुंसिया दिखाई देती हैं, तो बच्चों को स्कूलों में न भेजे़ क्यों कि उक्त बिमारी का संक्रमन अन्य बच्चों में न फैले़ इस बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को तरल पदार्थ देते रहे़ उन्हें सामान्य तापमान में रहने दे़ मुंह में छाले पडने पर मिर्च, मसाले न दें। एक वर्ष से ऊपर के बच्चों के मुंह में शहद लगाए। इन बातों का गंभीरता से ध्यान रखे़।
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बालरोग तज्ञ डॉ. सचिन पावडे ने बताया कि हैण्ड, फुट, माउथ सिन्ड्रोम के लक्षण पाये जाने पर बच्चों को भरपूर पानी पिलाए़ उन्हें घर में ही आराम करने लगाए़ संभवता बच्चों को बाहर तथा स्कूल में ना भेजे़ लक्षण तीव्र होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले जाए़ चिकित्सक की सलाह पर जरुरी औषधोपचार करे़।