प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Dengue Threat Increasing In Wardha: वर्धा जिले में डेंगू और मलेरिया को लेकर लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। जहां एक ओर निजी लैब में बड़ी संख्या में डेंगू के पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जिला मलेरिया विभाग का दावा है कि जिले में डेंगू या मलेरिया का कोई बड़ा प्रकोप नहीं है। पिछले 8 महीनों में, 1645 डेंगू संदिग्धों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 42 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जबकि मलेरिया के 11 मरीज पाए गए हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग के दावों और नागरिकों की जमीनी हकीकत के बीच एक विरोधाभास पैदा कर रही है।
जिला मलेरिया विभाग के अनुसार, इस साल 1 जनवरी से 31 अगस्त तक डेंगू के 1645 नमूनों की जांच की गई। इनमें से 42 नमूने पॉजिटिव पाए गए, जबकि जुलाई में केवल 3 और अगस्त में कोई भी डेंगू का मरीज नहीं मिला। मलेरिया के संदर्भ में, 2,70,537 संदिग्धों की जांच की गई, जिसमें से केवल 11 मामले पॉजिटिव पाए गए। विभाग का दावा है कि वे डेंगू और मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
इसके विपरीत, स्थानीय लोगों का कहना है कि निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में बड़ी संख्या में लोग बुखार और अन्य लक्षणों के साथ आ रहे हैं और उनकी डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। इस विरोधाभास ने लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि वे सरकारी आंकड़ों और निजी रिपोर्ट्स में अंतर देख रहे हैं।
डेंगू एक वायरल बीमारी है जो एडीस इजिप्ती मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर दिन के समय अधिक सक्रिय होता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों में जलन, शरीर में दर्द, पेट में ऐंठन और उल्टी शामिल हैं। कुछ गंभीर मामलों में नाक से खून भी आ सकता है। मलेरिया विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाएं।
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स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से इन उपायों का सख्ती से पालन करने की अपील की है ताकि इन बीमारियों के खतरे को कम किया जा सके। हालांकि, नागरिकों का मानना है कि केवल अपील से काम नहीं चलेगा, बल्कि प्रशासन को भी इस मुद्दे पर अधिक गंभीरता दिखानी चाहिए और जमीनी स्तर पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।