नए बजट की 30 प्रश. निधि प्राप्त (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha News: वर्धा जिले में विविध विभाग अंतर्गत किए जाने वाले विकास कामों के लिए डीपीसी का बजट मंजूर होता है़। 2025-26 इस आर्थिक वर्ष के लिए अतिरिक्त मांग के साथ कुल 412.70 करोड़ के बजट को मंजूरी मिली थी़। जिला वार्षिक योजना के तहत विविध विभागों से प्रस्ताव मंगवाये गए़ लगभग चार महीनों बाद मंजूर नए बजट की 30 प्रतिशत निधि सरकार से प्राप्त हुई है़। जिला प्रशासन को 123 करोड़ 81 लाख रुपए मिलने की जानकारी है़। उक्त निधि के जरिए जिले के विभिन्न विकास कार्यों को गति मिलेगी, ऐसा कहा जा रहा है़।
राज्यमंत्री तथा जिले के पालकमंत्री डॉ़ पंकज भोयर की अध्यक्षता में 2025-26 आर्थिक वर्ष के लिए जिला नियोजन समिति की बैठक ली गई़। इस आर्थिक वर्ष के लिए जिला वार्षिक योजना जनरल फंड में 350 करोड़, अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 44 करोड़ व आदिवासी क्षेत्र बाहरी उपयोजना के लिए 18 करोड़ 70 लाख 6 हजार इस प्रकार कुल 412 करोड़ 70 लाख 6 हजार के बजट को मंजूरी दी गई थी़। बजट का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया़। वरिष्ठ स्तर पर भी इसे मंजूरी मिली़। परंतु गत चार महीनों से विभिन्न कामों के लिए निधि की प्रतीक्षा थी़। जिले के पालकमंत्री डॉ़ पंकज भोयर के लगातार प्रयास से आखिरकार सरकार द्वारा पहले चरण में जिले को 123.81 करोड़ का निधि प्राप्त हुआ है़।
डीपीसी के जनरल फंड में करीब 105 करोड़ का निधि प्राप्त हुआ है़। इस फंड में कृषि व इससे जुडे काम, सामाजिक व सामूहिक सेवा जैसे स्वास्थ्य, क्रीड़ा, शिक्षा, लाइब्ररी, नगर पालिका, महिला बालकल्याण अंतर्गत कार्य के लिए़ जलसंपदा, बिजली सेवा, उद्योग, सड़क विकास, पुलिस विभाग, पर्यटन व इको टूरिजम, यात्रा स्थल, नाविन्यपूर्ण कामों सहित अन्य कुछ कामों पर उक्त निधि खर्च किया जाएगा़।
जनरल फंड के अलावा नए बजट में मंजूर निधि में से अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 13।20 करोड़ व आदिवासी क्षेत्र बाहरी उपयोजना के लिए 5 करोड़ 61 लाख 2 हजार इस प्रकार कुल 18 करोड़ 81 लाख 2 हजार का निधि जिला प्रशासन को प्राप्त होने की जानकारी है़।
जिला वार्षिक योजना सन 2025-26 के मंजूर बजट में जिले को पहले चरण में 30 प्रश निधी प्राप्त हुआ है़। इसमें 29 करोड़ 64 लाख 75 हजार के कामों को प्रशासकीय मान्यता दी गई है़। इसमें जनरल फंड अंतर्गत 21 करोड़ 72 लाख 15 हजार के विभिन्न कामों को प्रशासकीय मान्यता मिली है़। अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत 7 करोड़ 92 लाख 60 हजार के कामों को मान्यता मिली है़। आदिवासी क्षेत्र बाहरी उपयोजना अंतर्गत अब तक एक भी काम को मान्यता न मिलने की जानकारी है़।