कार्यालयों में निरीक्षण करते अधिकारी (फोटो नवभारत)
Gondia Tobacco Prohibition Campaign: गोंदिया जिला परिषद (ZP) में तंबाकू और गुटखा के सेवन को रोकने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया गया है। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 3 सितंबर को ZP कार्यालय के विभिन्न विभागों में औचक निरीक्षण किया। इस दौरान, तंबाकू और गुटखा रखते या उसका सेवन करते पाए गए 14 कर्मचारियों पर 2,450 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इस कार्रवाई ने सरकारी कार्यालयों में तंबाकू के उपयोग पर रोक लगाने की प्रशासन की प्रतिबद्धता को उजागर किया है।
यह अभियान ZP की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) प्रमिला जाखलेकर की अनुमति से और अतिरिक्त CEO डॉ. तानाजी लोखंडे, जिला सर्जन डॉ. पुरुषोत्तम पटले, और जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अभिजीत गोल्हार के मार्गदर्शन में चलाया गया। निरीक्षण के दौरान, कर्मचारियों के पास से तंबाकू उत्पाद जब्त किए गए। यह कार्रवाई तंबाकू नियंत्रण अधिनियम, 2003 के तहत की गई, जो सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान और तंबाकू के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है।
इस कार्रवाई में सामान्य प्रशासन विभाग के उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी फरेंद्र कुतिरकर सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने भाग लिया। इस दल में गणेश माली, पीयूष श्यामकुवर, डॉ. अनिल आटे, डॉ. ज्योति राठौड़, संध्या शंभरकर, विवेकानंद कोरे, और गोंदिया ग्रामीण पुलिस स्टेशन के कांस्टेबल दीपक पारधी व कपिल साखरे शामिल थे।
गोंदिया जिला प्रशासन ने इस अभियान को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया है। जिलाधीश प्रजीत नायर ने सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं। आने वाले समय में जिलाधीश कार्यालय, लोक निर्माण विभाग, नगर परिषद, तहसील कार्यालय, डाकघर और अन्य कार्यालयों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
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ZP CEO प्रमिला जाखलेकर ने यह भी घोषणा की है कि आने वाले दिनों में वे पंचायत कार्यालयों, स्कूलों और ग्राम पंचायतों को तंबाकू-मुक्त बनाने पर विशेष ध्यान देंगी। इसके लिए अलग-अलग टीमें गठित की जाएंगी। इस पहल का उद्देश्य केवल जुर्माना वसूलना नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारियों और जनता के बीच स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है। यह अभियान समाज को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।