प्रतीकात्मक तस्वीर
GST Reform: केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों में कमी करके आम जनता को दिवाली से पहले बंपर तोहफा दिया है। इससे एक तरफ फेस्टिव सीजन में डिमांड को बढ़ाने और दूसरी तरफ अमेरिकी टैरिफ के कारण हुए नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। यह बयान गुरुवार को अर्थशास्त्रियों की ओर से दिया गया। अर्थशास्त्री पंकज जायसवाल ने कहा कि यह सरकार की ओर से बंपर दिवाली गिफ्ट है। इससे महंगाई में कमी आएगी और घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। फेस्टिव सीजन शुरू हो चुका है। इससे पहले सरकार द्वारा यह फैसला लेना बहुत अच्छी खबर है।
पंकज जायसवाल ने कहा कि पिछले महीने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण यह खतरा महसूस हो रहा था कि देश का निर्यात कम होगा और इससे उत्पादन में कमी आएगी, लेकिन सरकार का यह फैसला इस सभी प्रभाव को दूर करेगा और आम आदमी के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे, इससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स में मेंबर और सीए प्रवीण साहू ने कहा कि सरकार ने दो स्तरीय (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) जीएसटी करके आम जनता को बड़ी राहत है। साथ ही 80 प्रतिशत वस्तुओं को 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा गया है। इससे आम जनता की परचेंसिंग पावर बढ़ेगी और उपभोग में सुधार होगा। वहीं, एक अन्य अर्थशास्त्री राजीव साहू ने कहा कि 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा टैक्स सुधार है। इससे आम जनता को तुरंत राहत मिलेगी, खपत में सुधार होगा, इंडस्ट्रीज को समर्थन मिलेगा, साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
चैम्बर ऑफ कॉमर्स महामंत्री और अर्थशास्त्री आदित्य मनिया जैन ने इस जीएसटी सुधार का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निवेशकों से लेकर व्यापारियों तक को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने दैनिक उपयोग की चीजों पर टैक्स को घटाया है। इससे अर्थव्यवस्था को बड़ा बूस्ट मिलेगा। इससे टैरिफ से पैदा हुई चिंताओं भी शांत करने में मदद मिलेगी और देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी तेज बनी रहेगी।
ये भी पढ़ें: रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने पर सरकार की फोकस, उपकरणों से GST घटाकर 5% किया
एक अन्य अर्थशास्त्री अजय रोट्टी ने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से सीधे शून्य किया जाना एक अच्छी खबर है। इससे आम जनता को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक बताते हुए आगे कहा कि इससे एमएसएमई को भी बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि दैनिक उपयोग की चीजों की लागत में कमी आएगी। इससे उपभोग बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा।