गोंदिया में विरोध प्रदर्शन करते ओबीसी समाज के लोग (फोटो नवभारत)
Gondia OBC Organization Protest: गोंदिया जिले में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र में राजनीतिक और सामाजिक तनाव बढ़ता जा रहा है। मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय द्वारा की गई मांग को राज्य सरकार द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद अब ओबीसी संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। गोंदिया में ओबीसी संगठनों ने एकजुट होकर 3 सितंबर को जिला कलेक्ट्रेट के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए संबंधित सरकारी आदेश की एक प्रति जलाई और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
दरअसल, मराठा आंदोलनकारियों की यह मांग थी कि मराठा समुदाय को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी के तहत आरक्षण दिया जाए, क्योंकि वे कुनबी समुदाय का ही हिस्सा हैं। इस मांग को लेकर मनोज जरांगे ने कई प्रदर्शन किए और हाल ही में मुंबई में भूख हड़ताल भी की। इस आंदोलन के बढ़ते दबाव के कारण, राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण देने का आश्वासन दिया और गजट अधिसूचना जारी करने की बात कही। इस आश्वासन के बाद, जरांगे ने अपना आंदोलन वापस ले लिया।
हालांकि, सरकार के इस फैसले ने ओबीसी संगठनों को आक्रोशित कर दिया। उनका मानना है कि मराठा समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल करने से उनके मौजूदा आरक्षण पर असर पड़ेगा। ओबीसी संगठनों ने सरकार के इस कदम को मराठा आंदोलन के दबाव में लिया गया एकतरफा फैसला बताया है।
गोंदिया में ओबीसी संगठनों ने 3 सितंबर को अपनी नाराजगी जाहिर की। सैकड़ों की संख्या में ओबीसी समुदाय के लोग जिला कलेक्ट्रेट के सामने जमा हुए। उन्होंने जोरदार नारेबाजी की और सरकार के फैसले के विरोध में सरकारी आदेश की एक प्रति की “होली” जलाई। इस विरोध प्रदर्शन में खेमेंद्र कटरे, महेंद्र बिसेन, कैलाश भेलावे, नरेश परिहार, टिकाराम भेंडारकर, गोवर्धन बोपचे और अन्य कई ओबीसी नेता और कार्यकर्ता शामिल थे।
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