
क्रिप्टो करंसी के नाम पर डेढ़ करोड़ की ठगी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Sangamner News: संगमनेर के एक व्यवसायी और उनके दो सहयोगियों से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की आर्थिक ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस प्रकरण में लोणी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई है। धनंजय काशीनाथ खिलारी और लता काशीनाथ खिलारी (दोनों निवासी बालाजी नगर, संगमनेर) के साथ पुणे की दो महिलाओं पर भी मामला दर्ज किया गया है।
लोणी पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी धनंजय काशीनाथ खिलारी को 19 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल कोपरगांव उपकारागार में न्यायिक हिरासत में है। न्यायालय ने उसका जमानत आवेदन खारिज कर दिया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि शुरुआत में आरोपियों ने छोटी रकम की निवेश राशि पर समय पर रिटर्न देकर विश्वास हासिल किया। इसके बाद उन्होंने एन सायफर इंडिया प्रा. लि. नामक पुणे स्थित कंपनी के वेरॉल्ट डिजिटल कॉइन प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर निवेश करने का लालच दिया।
आरोपियों ने कहा कि यह क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की तरह तेजी से बढ़ेगी और भारी मुनाफा होगा। इस प्रलोभन में आकर शिकायतकर्ता और उनके साझेदारों से कुल ₹1.52 करोड़ रुपये वसूले गए। इसमें से कुछ रकम बैंक खातों के माध्यम से और कुछ नकद में दी गई। लोणी में दर्ज इस प्रकरण ने संगमनेर और पुणे के व्यापारिक क्षेत्रों में सनसनी फैला दी है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि निवेश के नाम पर झूठा लाभ दिखाकर लोगों को ठगने वाले इस गिरोह पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस प्रकरण की आगे की जांच अहिल्यानगर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दी गई है। आरोपियों के पुणे और संगमनेर स्थित आर्थिक लेनदेन की गहराई से जांच चल रही है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि और भी कई निवेशकों के ठगे जाने की संभावना है।
हाल के दिनों में आर्थिक अपराधों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। निवेश का लालच देकर ठगी करना, लिंक भेजकर बैंक खाते खाली कर देना, “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर करोड़ों रुपये वसूलना ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इन बढ़ते मामलों से आर्थिक अपराध शाखा के सामने हर दिन नई चुनौतियाँ खड़ी हो रही हैं।
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निवेश की अवधि पूरी होने के बाद जब शिकायतकर्ता ने राशि वापस मांगी, तो आरोपियों ने टालमटोल शुरू कर दी। कुल ₹1.52 करोड़ की ठगी का खुलासा हुआ है। पुलिस को शक है कि इसी तरह अन्य लोगों से भी ठगी की गई होगी।
आर्थिक अपराध शाखा और पुलिस लगातार अपील कर रही हैं कि “लालच में आकर अंधविश्वास से पैसा निवेश न करें।” फिर भी लोगों का झांसे में आकर ठगाए जाने का सिलसिला जारी है।






