
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Godavari River Cleanliness Hindi News: त्र्यंबकेश्वर ब्रह्मगिरी पर्वत की गोद से निकलने वाली पवित्र गोदावरी जहां कुशावर्त तीर्थ में उतरती है, वह स्थान अब अपनी स्वच्छता के लिए देश-दुनिया में मिसाल बनेगा। कुंभ मेले के इस प्रमुख केंद्र पर साल भर उमड़ने वाली हजारों भक्तों की भीड़ के बावजूद अब पानी की निर्मलता प्रभावित नहीं होगी। सीएसआर (CSR) फंड के जरिए यहां एक अत्याधुनिक वॉटर प्यूरिफिकेशन प्रोजेक्ट लगने जा रहा है, जो कुशावर्त कुंड की सूरत बदल देगा।
कुंभ मेला अथॉरिटी ने इस बार ऐसा ‘मास्टरप्लान’ बनाया है कि नगर परिषद पर फूटी कौड़ी का भी बोझ नहीं पड़ेगा। वीआईएल (VIL) कंपनी ने जिम्मेदारी ली है कि वह न केवल इस मेगा प्रोजेक्ट को स्थापित करेगी, बल्कि अगले 25 सालों तक इसका रखरखाव, मरम्मत और भारी-भरकम बिजली बिल का भुगतान भी खुद करेगी। गौरतलब है कि 2015 के सिंहस्थ का प्रोजेक्ट सिर्फ इसलिए बंद हो गया था क्योंकि नगर परिषद बिजली बिल भरने में असमर्थ थी, लेकिन अब यह बाधा हमेशा के लिए दूर हो गई है।
इस नए प्लांट की ताकत पुराने सिस्टम से तीन गुना ज्यादा होगी, जिससे पानी की शुद्धता का स्तर हमेशा ऊंचा रहेगा- नया प्लांट हर घंटे 3 लाख लीटर पानी प्यूरिफाई करेगा। पहले जिस कुंड को साफ करने में 9 घंटे लगते थे, अब वह मात्र 3 घंटे में चमकने लगेगा।
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के कड़े मानकों का पालन किया जाएगा, ताकि भक्तों की सेहत और आस्था दोनों सुरक्षित रहे।
कुंभ मेला अथॉरिटी के कमिश्नर शेखर सिंह ने इस प्रोजेक्ट को ‘फास्ट ट्रैक’ पर डाल दिया है। कंपनी ने 15 दिसंबर 2025 को अपनी तकनीकी बारीकियों और क्षमता का खाका पेश कर दिया है। बिजली सप्लाई और अन्य कागजी औपचारिकताओं को गति देने के लिए 26 दिसंबर को एक महत्वपूर्ण मीटिंग बुलाई गई है। जून 2026 के अंत तक यह प्रोजेक्ट पूरी तरह चालू हो जाएगा, जिससे तीर्थ स्थल की गरिमा और पवित्रता युगों-युगों तक बनी रहेगी।






