पालकमंत्री रवींद्र चव्हाण
सिंधुदुर्ग. देश में जहां राजनेता, मंत्री, सांसद, विधायक जनसेवा के नाम पर भ्रष्टाचार, लोगों के दमन, उनकी जमीन-जायदाद हथियाने आदि के लिए कुख्यात हो रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी के एक मंत्री ने मानवता और त्याग की अलग ही मिसाल पेश की है। सिंधुदुर्ग जिले के पालक मंत्री रवींद्र चव्हाण ने जनता दरबार में आए कातकरी समुदाय के लोगों के घर की समस्या दूर करने के लिए अपनी जमीन दान कर दी। इससे लगभग 70 परिवारों के घर की वर्षों पुरानी समस्या हल हो गई।
सिंधुदुर्ग जिले के कातकरी समुदाय के 70 खानाबदोश परिवारों के पास अपना घर नहीं था। इनके घरों का मामला कई वर्षों से लंबित था। सरकार के पास इस समुदाय के परिवारों को देने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं थी। यह मामला सिंधुदुर्गनगरी में आयोजित जनता दरबार में उठा तो वहां दरबार लगा रहे पालकमंत्री रवींद्र चव्हाण ने समस्या के समाधान के लिए ओसरगांव में स्थित अपनी खुद की जमीन देने का ऐलान कर दिया।
चव्हाण की दरियादिली की वजह से बेघर कातकरी परिवारों को जल्द ही उनका अधिकृत घर मिल जाएगा। इन सभी परिवारों ने चव्हाण को ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए दिल से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमने ऐसा नेता या मंत्री कभी नहीं देखा। हम वर्षों से भटक रहे थे लेकिन अब हमें खुद का, अधिकार का घर मिल गया है और अब हमारी सभी पीढ़ियां उनके खुद के घर में रहेंगी, इसलिए हम बहुत खुश हैं, ऐसी भावना सभी ने व्यक्त की।
इस कार्यक्रम में भाजपा विधायक नितेश राणे, जिला कलेक्टर किशोर तावड़े, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकरंद देशमुख, पुलिस अधीक्षक सौरभ अग्रवाल, निवासी उप कलेक्टर मच्छिंद्र सुकटे, जिला योजना अधिकारी यशवंत बुधावले, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रभाकर सावंत, पूर्व विधायक अजीत गोगट सहित खाता प्रमुख तथा कणकवली विधानसभा क्षेत्र के सरपंच, ग्रामीण नागरिक उपस्थित थे।
उल्लेखनीय यह है कि पालकमंत्री चव्हाण के उक्त जनता दरबार में 82 आवेदन दाखिल किए गए थे, इनमें से 74 आवेदनों का निराकरण किया गया। पालकमंत्री चव्हाण ने बताया कि लोक निर्माण राजमार्ग एवं सिंचाई विभाग के सभी 9 आवेदन तो वहीं पुलिस प्रशासन के दो आवेदनों पर फैसला लेकर का निवारण कर दिया गया है। इसी तरह ग्रामीण विकास विभाग के तहत सभी 16 आवेदन तो कृषि और स्वास्थ्य विभाग 5, मध्यम सिंचाई और नियोजन विभाग 3, समाज कल्याण विभाग 2, शहरी विकास खारभूमी विभाग 6 विभागवार आवेदनों का निपटारा कर दिया गया। शेष आवेदनों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
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