हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
High Court: विशेष शिक्षकों को वेतन का भुगतान करने संबंधी हाई कोर्ट द्वारा कई बार आदेश जारी किए गए। इसके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इनका उल्लंघन किया गया। परिणामस्वरूप हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा और खेल विभाग के प्रधान सचिव रणजीत सिंह देओल, तत्कालीन अवर सचिव संतोष गायकवाड़ और तत्कालीन सचिव कुंदन को अदालत के सामने उपस्थित होकर न्यायालय की अवमानना के लिए जुर्माना क्यों न लगाया जाए?
इसे लेकर जवाब दायर करने को कहा था। हाई कोर्ट ने एक साथ कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा अदालत के आदेश का बार-बार उल्लंघन किए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की, साथ ही अवमानना के लिए गंभीर परिणाम की चेतावनी भी दी।
अदालत की चेतावनी के बाद अधिकारियों की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता आप्टे ने अदालत को सूचित किया कि अंतरिम आदेश के तहत अगस्त 2025 तक 75,000 रुपये प्रति माह के वेतन का भुगतान 15 सितंबर 2025 से पहले कर दिया गया है। उन्होंने आगे निर्देशों के आधार पर यह आश्वासन दिया कि अब से संबंधित अधिकारी इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करेंगे।
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कोर्ट ने यह बयान स्वीकार कर लिया। वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर न्यायालय ने फिलहाल अधिकारियों के आचरण के संबंध में आगे कोई आदेश पारित नहीं करने का निर्णय लिया।
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि आदेश का बाद में कोई भी उल्लंघन गंभीरता से देखा जाएगा और इसमें न्यायालय की अवमानना के तहत दंड का आदेश भी शामिल हो सकता है। एक अन्य चूक में अधिकारियों को 15 सितंबर 2025 की सुनवाई पर एक चार्ट के रूप में कुछ जानकारी रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया गया था लेकिन यह अभी तक नहीं किया गया था। वरिष्ठ अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि मांगी गई जानकारी शाम 5 बजे तक प्रस्तुत कर दी जाएगी जिसके बाद कोर्ट द्वारा रजिस्ट्री को यह चार्ट स्वीकार करने का निर्देश दिया गया।