आमिर खान का युवा कलाकारों को संदेश। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: “आप अपना काम जितनी ईमानदारी से करेंगे, वह उतना ही बेहतर होगा।” इस सरल मगर गहराई से भरे वाक्य ने अभिनेता आमिर खान को ‘वेव्ज़ 2025’ कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों का दिल जीतने पर मजबूर कर दिया।
जहां एक ओर फिल्म इंडस्ट्री में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के आने से क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं, वहीं आमिर खान ने अभिनय के मूल में छिपे सच्चे जुनून और समर्पण की बात करते हुए बताया कि तकनीक चाहे जितनी भी आगे बढ़ जाए, भावना और सच्चाई ही किसी किरदार की आत्मा होती है।
आमिर ने खुलासा किया कि वे कभी नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला नहीं ले पाए। लेकिन फिल्मों के सफर में छोटी-छोटी चीजें उन्होंने सीखी, जो उनके लिए बेहद उपयोगी रहीं। उन्होंने कहा, “किसी भी किरदार को निभाने से पहले मैं स्क्रिप्ट के साथ बहुत वक़्त बिताता हूँ। स्क्रिप्ट अगर अच्छी हो, तो किरदार खुद-ब-खुद समझ में आने लगता है। उसका शरीर, उसका स्वभाव, उसकी सोच… सब कुछ।”
Shri Gaurav Dwivedi, CEO of Prasar Bharati in conversation with Actor Aamir Khan about @WAVESummitIndia pic.twitter.com/9fBuHjteyu
— WAVES OTT (@WAVES_OTT) May 2, 2025
उन्होंने हँसते हुए बताया, “मेरी मेमोरी कमजोर है, इसलिए मैं संवाद खुद हाथ से लिखता हूँ। सबसे पहले मैं मुश्किल सीन पर काम करता हूँ और रोज़ 3-4 महीने तक सिर्फ़ संवादों का अभ्यास करता हूँ। जब तक संवाद आपके अपने न लगने लगें, तब तक वो केवल स्क्रिप्ट राइटर के होते हैं। लेकिन बार-बार दोहराने पर वो आपके हो जाते हैं।”
युवा कलाकारों को सलाह देते हुए आमिर खान ने कहा, “अच्छा अभिनेता वही है जो अविश्वसनीय कहानी को भी प्रामाणिकता के साथ पर्दे पर पेश कर दे। भावना स्क्रिप्ट से आती है, और अगर आप उसमें डूब गए, तो दर्शक आपसे जुड़ जाएंगे।”
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आमिर खान ने कहा, “आज AI की वजह से ऐसा संभव हो गया है कि दृश्य अभिनेता के बिना शूट हो जाएं, और बाद में तकनीक से उसमें अभिनेता को जोड़ा जाए। लेकिन क्या वो दृश्य वो एहसास दे पाएगा जो एक असली अभिनेता देता है? शायद नहीं।”
जब पूछा गया कि अब तक की फिल्मों में कौन-सी फिल्म सबसे अधिक पसंद है, आमिर ने कहा, “‘तारे ज़मीन पर’ मेरे दिल के सबसे करीब है। इस फिल्म ने माता-पिता को अपने बच्चों के साथ धैर्य, समझ और सहानुभूति से पेश आने की प्रेरणा दी।”
“किसी भी दृश्य को करने से पहले मैं उसकी कल्पना करता हूँ, उसका अभ्यास करता हूँ और कभी भी आईने में देखकर नहीं,” आमिर ने यह कहकर साबित कर दिया कि एक सच्चा कलाकार पहले अपने किरदार को भीतर जीता है, फिर पर्दे पर दिखाता है।
“आप जिस सीन का हिस्सा हैं, उसमें बस वही कीजिए जो जरूरी है। केवल अपने अभिनय पर नहीं, पूरे दृश्य की सच्चाई पर ध्यान दें।” कार्यक्रम के दौरान सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने आमिर खान का विशेष रूप से सम्मान किया और इस आयोजन को युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।