गड़चिरोली में एक बार फिर बाप-बेटी मैदान में (सौजन्यः सोशल मीडिया)
गड़चिरोली: गड़चिरोली जिले में एक बार फिर आत्राम बनाम आत्राम की तस्वीर उभरी है। जिला परिषद और नगर निगम चुनाव नजदीक आते ही एनसीपी शरद पवार गुट की नेता भाग्यश्री आत्राम ने अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में अपने पिता और स्थानीय विधायक धर्मराव बाबा आत्राम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अहेरी उपविभाग अंतर्गत आनेवाले अहेरी, एटापल्ली , भामरागड, सिरोंचा और सिरोंचा तहसील की सडके पुरी तरह जर्जर हो गयी है। विस चुनाव के दौरान महायुती सरकार व स्थानीय विधायक ने सडकों की समस्या हल करने का वादा किया था। लेकिन सडकों की मरम्मत नहीं होने के कारण सडके पुरी तरह बदहाल हो गयी है.
जिससे सडकों की समस्या हल करने का आश्वासन देनेवाले विधायक अपने आश्वासन को ही भुल गये, ऐसा आरो पूर्व जिप अध्यक्ष तथा राकां (शरद पवार गुट) की महिला नेता भाग्यश्री आत्राम ने लगाया है। विस क्षेत्र की सडके और विभिन्न समस्याओं को लेकर सोमवार को अहेरी तहसील के आलापल्ली में ठिय्या आंदोलन किया गया। जिसमें वह बोल रही थी। महायुति सरकार ने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा न किए जाने के कारण सोमवार से अहेरी तालुका के अलापल्ली में धरना शुरू कर दिया है।
‘क्या हुआ तेरा वादा’ शीर्षक से किए गए इस विरोध प्रदर्शन में धर्मरावबाबा आत्राम को निशाना बनाए जाने की बात सामने आई है। भाग्यश्री आत्राम ने सड़क पर धरना देते हुए आरोप लगाया है कि महायुति सरकार ने निराधार पेंशन योजना, श्रवणबल योजना, किसान कर्ज माफी, निर्बाध बिजली, धान का बोनस, सड़कें, एसटी बस सेवा सहित इस क्षेत्र में भोजन, कपड़ा और आश्रय के प्रमुख मुद्दों की अनदेखी की है।जब तक हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिलता…भाग्यशी आत्राम ने कहा कि आज से हम सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए इस सड़क पर बैठ रहे हैं।
इसमें सभी पांच तालुकाओं के एनसीपी शरद पवार गुट के पदाधिकारी मेरे साथ भूख हड़ताल पर बैठे हैं। जब तक हमें सरकार की ओर से कोई ठोस निर्णय या आश्वासन नहीं मिलता। हम यहां विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। जब तक हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, हम यहां से नहीं उठेंगे, उन्होंने चेतावनी दी है।सरकार जनता को भूल गई हैमेरी प्यारी बहन के आशीर्वाद से सरकार चुनी गई थी। चुने जाने के बाद सरकार जनता को भूल गई है। सरकार जनता की बुनियादी सुविधाओं को भी भूल गई है।
महायुति सरकार ने निराधार पेंशन योजना, श्रवणबल योजना, किसान कर्ज माफी, निर्बाध बिजली, चावल के लिए बोनस, सड़क, एसटी बस सेवा सहित इस क्षेत्र में रोटी, कपड़ा और मकान के प्रमुख मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया है। भाग्यश्री आत्राम ने यह भी कहा है कि हम विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने घोषणापत्र में जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। भाग्यश्री आत्राम ने कहां कि, विस चुनाव में महायुती ने अपने जाहीरनामे में झुठे आश्वासन देकर लोगों को गुमराह किया है। वहीं सत्ता में आने के बाद भी दिये गये आश्वासन पर अमल नहीं किया जा रहा है।
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इसके विपरित संजय गांधी, श्रावण बाल निराधार योजना और लाडली बहन योजना के पैसे नहीं मिलने के कारण जनता पुरी तरह परेशान हो गये है। विधायक ने चुनाव के पहले क्षेत्र के सडकों की समस्या हल करने का आश्वासन दिया था। लेकिन विधायक अपने की आश्वासन को भुल गये है।
आंदोलनकर्ताओं की मांगों में लाडली बहन योजना और निराधार योजना का अनुदान 1500 रूपयों से बढाकर 2100 रूपये करने, डी.बी.टी के नाम पर संजय गांधी व श्रावणबाल येाजना का अनुदान बंद न करते हुए पूर्ववत शुरू करने, किसानों को कर्जमुक्त करने, धान को प्रति हेक्टेयर 25 हजा रूपये बोनस देने, आंगनवाडी सेविका व आशा वर्कर को 15 हजा रूपये मानधन देने, खस्ता सडकों की मरम्मत करने, वनहक्क पट्टे तत्काल देने आदि मांगों का समावेश है। आंदोलन में राकां की विभागीय अध्यक्ष शाहीन हकीम, प्रकाश ताकसांडे, श्रीनिवास विरगोनवार, पार्षद अमोल मुक्कावार, जहीर हकीम, अप्सर पठाण, हिमायत अली, स्वप्नील श्रीरामवार, सुमित मोतकुरवार आदि समेत राकां के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे।