छात्रवास में खाली पड़े बेड
गोंदिया: सरकार ने ओबीसी, वीजेएनटी और विशेष पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावास शुरू किए हैं। नागपुर संभाग के छह जिलों में लड़के और लड़कियों के लिए 600-600 ऐसे 1200 छात्रों वाले छात्रावास शुरू किए गए हैं। बहरहाल, रिक्त सीटों से यह स्पष्ट है कि पिछड़े वर्ग के छात्रों ने छात्रावास की ओर से मुंह मोड़ लिया है। नागपुर संभाग में छात्रावासों में 650 रिक्त जगह हैं, जिनमें लड़कों के लिए 310 और लड़कियों के लिए 340 सीटें हैं।
सरकार द्वारा राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जाति, घुमंतू जनजाति तथा विशेष पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक जिला स्थान पर लड़के-लड़कियों के लिए 100-100 छात्र क्षमता के छात्रावास बनाए हैं। गोंदिया में शहर के पास कुडवा में लड़कों के लिए और शहर के गणेश नगर में लड़कियों के लिए, आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण छात्रावास किराए पर लिया गया था और शैक्षणिक सत्र लगभग तीन महीने की देरी से शुरू हुआ था।
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परिणामस्वरूप, कई इच्छुक और जरूरतमंद छात्र छात्रावास में प्रवेश लेने से चूक गए। वर्तमान में केवल 33 लड़कियों और 27 लड़कों को प्रवेश दिया गया है। लड़कों के लिए 73 और लड़कियों के लिए 67 सहित कुल 140 सीटें खाली हैं। ये छात्रावास महाराष्ट्र सरकार के अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधीन चल रहे हैं। लेकिन यह बात सामने आई है कि सरकार ने इन छात्रावासों के लिए फंड उपलब्ध नहीं कराया है। निधि की कमी के कारण छात्रावास में भौतिक सुविधाओं का अभाव है।
नागपुर संभाग के गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, गढ़चिरोली, नागपुर और वर्धा में प्रत्येक 100 छात्रों वाले छात्रावासों में 1200 छात्रों को प्रवेश मिलने की उम्मीद थी। लेकिन 290 लड़के और 260 लड़कियों सहित 550 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। नागपुर संभाग के प्रादेशिक संचालक वाकुलकर, समाजकल्याण गोंदिया के सहायक संचालक विनोद मोहतुरे ने इच्छुक छात्रों से रिक्त जगह के लिए आवेदन करने की अपील की है।
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गोंदिया में लड़कों के छात्रावास में 73 और लड़कियों के 67, भंडारा में लड़कों के छात्रावास में 47 और लड़कियों के 44, चंद्रपुर में लड़कों के छात्रावास में 57 और लड़कियों के 44, गढ़चिरोली में लड़कों के छात्रावास में 54 और लड़कियों के 23, नागपुर में लड़कों के छात्रावास में 37 और लड़कियों के 67 व वर्धा में लड़कों के छात्रावास में 42 और लड़कियों के छात्रावास में 58 जगह रिक्त पड़ी है।