देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
Nagpur News: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र को वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक स्थान बनाने का सरकार का दृढ़ संकल्प है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों से मिले सुझावों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार नई नीतियां बनाएगी। औद्योगिक निवेश के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र पहले से ही देश का 30% उत्पादन करता है।
अब पुणे, नागपुर, विदर्भ और मराठवाड़ा में नये औद्योगिक केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं जिससे राज्य औद्योगिक मानचित्र पर अग्रणी बन जाएगा। उन्होंने बताया कि नागपुर में रक्षा निर्माण और सौर ऊर्जा केंद्र (सोलर हब) तथा विदर्भ के गड़चिरोली में एक स्टील हब बनेगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने ‘वर्षा’ निवास पर भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों के साथ बातचीत की।
इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में तेजी से हो रहे बुनियादी ढांचे के विकास, निवेश के अवसरों और राज्य की वैश्विक प्रगति के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में सरकारी प्रणाली में कई बदलाव करने का प्रयास किया जा रहा है। उनका लक्ष्य एक ऐसी प्रणाली बनाना है जिसमें सरकार केवल एक ‘स्टेट’ के रूप में नहीं बल्कि एक ‘इंस्टिट्यूशन’ के रूप में काम करे। इससे सरकार की कार्यप्रणाली किसी व्यक्ति पर निर्भर न रहकर संस्थागत स्वरूप लेगी। इस तरह सरकार के निर्णय और कामकाज संस्थागत स्तर पर स्थापित होंगे और स्थायी रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र में 10 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें राजमार्ग, बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली परियोजनाएं, शहरी विकास और जल आपूर्ति शामिल हैं।
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कैबिनेट की हुई बैठक में महानिर्मिति कंपनी के ताप विद्युत संयंत्रों में राख के उपयोग संबंधी नीति को मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निर्देशानुसार ताप विद्युत संयंत्रों में राख के उपयोग संबंधी नीति 2016 में निर्धारित की गई थी। केंद्र सरकार के संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार उक्त नीति में परिवर्तन का प्रस्ताव था।
तद्नुसार इस नीति को मंजूरी दी गई। इस नीति के माध्यम से शत-प्रतिशत पर्यावरण अनुकूल उपयोग प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इस नीति के माध्यम से विभिन्न घटकों में राख के उपयोग हेतु प्रोत्साहन रियायतें दी जाएंगी। इससे स्थानीय लोगों और परियोजना प्रभावितों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।