लखनऊ से फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी गिरफ्तार (फोटो- सोशल मीडिया)
Lucknow Fake IAS officer Saurabh Tripathi: लखनऊ में एक ऐसे धोखेबाज को गिरफ्तार किया गया है जो खुद को आईएएस अधिकारी बताकर सालों से सरकारी तंत्र को चकमा दे रहा था। सौरभ त्रिपाठी नाम का यह शख्स लग्जरी गाड़ियों के काफिले में घूमता, नीली बत्ती लगाकर रौब जमाता और बड़े-बड़े अधिकारियों पर धौंस दिखाकर अपने काम निकलवाता था। उसके पास से न सिर्फ करोड़ों की गाड़ियां, बल्कि फर्जी सचिवालय पास, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार लिखे हुए जाली दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। यह मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
पुलिस ने जब सौरभ त्रिपाठी को पकड़ा तो उसकी शान-ओ-शौकत देखकर वे भी हैरान रह गए। वह न सिर्फ लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर विस्तार में रहता था, बल्कि नोएडा में भी उसका एक आलीशान आवास है। मऊ जिले का रहने वाला यह जालसाज इतना शातिर था कि उसने एनआईसी की फर्जी आईडी बनाकर कई राज्यों के अफसरों को मेल करके प्रोटोकॉल और अन्य सरकारी सुविधाएं हासिल कीं। वह बेधड़क होकर सचिवालय की बैठकों में हिस्सा लेता और अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर ठेके-पट्टों तक के लिए दबाव बनाता था।
सौरभ त्रिपाठी कोई साधारण ठग नहीं, बल्कि कंप्यूटर साइंस से बीटेक पास है। पढ़ाई के बाद वह दिल्ली में एक एनजीओ से जुड़ा, जहां उसका सरकारी विभागों में आना-जाना शुरू हुआ। यहीं से उसके मन में फर्जी आईएएस बनकर व्यवस्था का लाभ उठाने का विचार आया। उसने अधिकारियों के बीच उठने-बैठने का तरीका सीखा और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर सबको अपने जाल में फंसाता गया। उसने सोशल मीडिया पर भी खुद को एक आईएएस अधिकारी के तौर पर पेश किया और अपनी फर्जी पहचान को और पुख्ता कर लिया।
लखनऊ की सड़कों पर घूम रहा था फर्जी IAS अधिकारी, सौरव त्रिपाठी नाम का फर्जी IAS कई प्रदेशों में कर चुका था ठगी, वज़ीरगंज पुलिस ने चेकिंग के दौरान पकड़ा, ठग के पास से डिफेंडर मर्सडीज फॉर्च्यूनर समेत कई गाड़िया बरामद @lkopolice pic.twitter.com/WpHrMHV1fs
— Mazhar Hussain (@MazharH61584081) September 3, 2025
पुलिस उपायुक्त पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव के अनुसार, यह पूरा मामला तब सामने आया जब वजीरगंज इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी अपनी टीम के साथ चेकिंग कर रहे थे। उन्होंने एक इनोवा क्रिस्टा को रुकने का इशारा किया तो चालक गाड़ी भगाने लगा। रोके जाने पर पीछे बैठा सौरभ भड़क गया और खुद को केंद्रीय सचिव बताते हुए इंस्पेक्टर पर रौब जमाने लगा। उसने तुरंत अपना विजिटिंग कार्ड थमा दिया, लेकिन एक आईएएस अधिकारी का इस तरह व्यवहार करना और तुरंत कार्ड देना इंस्पेक्टर को खटक गया।
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गाड़ी की तलाशी में नीली बत्तियां मिलने से शक और गहरा गया, जिसके बाद उसे कोतवाली ले जाया गया। शुरुआती पूछताछ में वह पुलिस को वर्दी उतरवाने की धमकी देता रहा, लेकिन जब सख्ती से सवाल-जवाब हुए तो वह टूट गया और अपनी असलियत उगल दी। पुलिस ने उसके पास से इनोवा क्रिस्टा, डिफेंडर, मर्सिडीज और फॉर्च्यूनर समेत छह लग्जरी गाड़ियां, तीन नीली बत्तियां, लैपटॉप, कई एटीएम कार्ड और जाली दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस अब उसके नेटवर्क और इस बात की जांच कर रही है कि उसके साथ इस गोरखधंधे में और कौन-कौन लोग शामिल थे।