प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश दुनिया से मिले गिफ्ट्स का ऑक्शन (फोटो- सोशल मीडिया)
PM Modi gifts auction: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 17 सितंबर को 75 वर्ष के हो गए हैं। पीएम मोदी की छवि जहां एक ओर सख्त और अनुशासित प्रशासक की है, वहीं दूसरी तरफ वह एक संवेदनशील राजनेता के रूप में भी जाने जाते हैं। उनकी सबसे बड़ी खूबी गंभीर राजनीतिक माहौल को अपने व्यंग्य और हास्य से हल्का बना देना है। उनके जन्मदिन के इस विशेष अवसर पर उन्हें देश-दुनिया से मिले 1300 उपहारों की ऑनलाइन नीलामी आज से शुरू हो गई है, जिससे प्राप्त होने वाली धनराशि गंगा सफाई अभियान ‘नमामि गंगे’ मिशन पर खर्च की जाएगी।
यह ऑनलाइन नीलामी 17 सितंबर यानि आज से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें कोई भी आम नागरिक हिस्सा ले सकता है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 2019 से शुरू हुई इस परंपरा का यह सातवां संस्करण है। पिछले छह वर्षों में प्रधानमंत्री को मिले सात हजार से अधिक उपहारों की नीलामी की जा चुकी है, जिससे कुल 50.33 करोड़ रुपये की धनराशि एकत्र हुई है। इस पूरी राशि को नमामि गंगे मिशन को दान किया गया है, जो गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण के लिए समर्पित है।
इस वर्ष की नीलामी में कई बेहद अहम और आकर्षक उपहार शामिल किए गए हैं। इनमें देवी-देवताओं की मूर्तियों से लेकर पेंटिंग, पारंपरिक टोपियां, तलवारें और मंदिरों की प्रतिकृतियां भी मौजूद हैं। नीलामी के लिए रखे गए इन उपहारों का आधार मूल्य 600 रुपये से लेकर 1.03 करोड़ रुपये तक है। इस बार का सबसे बड़ा आकर्षण पैरालंपिक 2024 के खिलाड़ियों द्वारा दिए गए उपहार हैं। इनमें पैरालंपिक के रजत पदक विजेता निषाद कुमार, कांस्य पदक विजेता अजीत सिंह और सिमरन शर्मा के जूते भी शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक का आधार मूल्य 7.70 लाख रुपये रखा गया है। वहीं, तुलजा भवानी की एक भव्य मूर्ति का आधार मूल्य 1.03 करोड़ रुपये तय किया गया है।
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पीएम मोदी की कार्यशैली जितनी गंभीर है, उतनी ही रोचक उनकी संवाद शैली भी है। वे अक्सर अपने ऊपर होने वाले राजनीतिक हमलों का जवाब तीखे व्यंग्य-बाणों से देते हैं, जिससे विरोधी असहज हो जाते हैं। चुनावी रैलियों से लेकर संसद तक इसके कई उदाहरण देखने को मिलते हैं। एक बार संसद में जब बेरोजगारी पर चर्चा हो रही थी, तो उन्होंने चुटीले अंदाज में नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “मैं देश की बेरोजगारी का समाधान तो करूंगा, लेकिन उनकी (नेता प्रतिपक्ष) बेरोजगारी का नहीं।” उनका यह अंदाज गंभीर मुद्दों पर भी माहौल को हल्का कर देता है और उनकी हाजिरजवाबी को दर्शाता है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह भी कहा कि पीएम को मिले उपहारों को अपने घरों में रखना लोगों के लिए बड़े गर्व की बात होती है।