रेलवे की नई परियोजनाएं (सोर्स:- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारत में लगातार रेलवे को लेकर यात्रियों का संघर्ष चर्चा का विषय रहा है, जहां भारत सरकार ने इस मामले में यात्रियों की पीड़ा तो कम करते हुए शुक्रवार देर रात रेल की नई आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी है। जिससे अब रेल यात्रा के साथ कई सारी चिजें आसान हो जाने वाली है। प्रमुख तौर पर बात करें तो यात्रा, माल ढुलाई या फिर एक राज्यों से दूसरे राज्यों के बीच का संपर्क हो इन नई आठ परियोजनाओं से जनता के लिए रास्तें आसान होने वाले है।
केंद्र सरकार ने इन नवीन योजनाओं का सबसे ज्यादा फायदा होने वाले राज्यों की बात करें तो इसमे प्रमुख रूप से बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल और महाराष्ट्र समेत पूर्वोत्तर राज्यों को होगा फायदा होने वाला है। जिसके बारे में शुक्रवार देर रात केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इन परियोजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रस्तावित परियोजनाएं हाल ही में पारित बजट की पूर्वोदय की नई अवधारणा के अनुरूप हैं। जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
रेल की नई परियोजनाओं में मोदी सरकार ने 900 किलोमीटर रेल नेटवर्क में विस्तार को मंजूरी दे दी है। जहां नई रेल लाइनों के निर्माण से पूर्वोदय की अवधारणा में शामिल सात राज्यों के 14 जिलों की रेल कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इसके साथ ही रेल लाइनों पर 64 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे पूर्वी सिंहभूम, कालाहांडी, मलकानगिरी, नबरंगपुर, रायगढ़ को कनेक्टिविटी मिलेगी। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि रेल नेटवर्क में विस्तार के बाद इस परियोजना से लगभग 510 गांवों की करीब 40 लाख आबादी को सीधा फायदा होने वाला है।
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देश की जनता की रेल के मामले में लगातार संघर्ष को देखते हुए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने शुक्रवार को लोकसभा में रेल विधेयक पेश किया। इस विधेयक का मुख्य मकसद रेलवे बोर्ड को वैधानिक शक्ति के साथ रेलवे बोर्ड के कामकाज और स्वतंत्रता को बढ़ाना है।
वहीं रेल विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम 1905 के सभी प्रावधानों को रेलवे अधिनियम 1989 में शामिल करने का प्रस्ताव है। इससे दो कानूनों का हवाला देने की जरूरत कम हो जाएगी।
इसके साथ ही इस विधेयक के बारे में आगे की जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि आजादी से पहले रेलवे नेटवर्क की स्थापना लोक निर्माण विभाग की एक शाखा के रूप में की गई थी। जब नेटवर्क का विस्तार हुआ तो विभिन्न रेलवे संस्थाओं के समुचित कामकाज को सक्षम बनाने के लिए भारतीय रेलवे अधिनियम, 1890 बनाया गया। रेलवे को लोक निर्माण विभाग से अलग कर दिया गया और 1905 में रेलवे बोर्ड अधिनियम बनाया गया।
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चलिए अब इस विधेयक के बारे में एक खास बात आपको बतातें है, मोदी सरकार के द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए इस बजट का फायदा यात्रियों और एक राज्यों से दूसरे राज्य के बीच के संपर्क से ज्यादा माल ढुलाई में होने वाला है। जहां पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों से संपर्क बढ़ेगा और बंदरगाह तक माल का परिवहन आसान हो जाएगा। इन रेल मार्गों के जरिए कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, एल्युमीनियम पाउडर और गिट्टी आदि का परिवहन आसान हो जाएगा। कार्बन उत्सर्जन कम होगा, जिससे पर्यावरण संतुलन में भी मदद मिलेगी। माल परिवहन की मात्रा भी बढ़ेगी।