
182 KMPH की रफ्तार से दौड़ी वंदे भारत स्लीपर, फोटो- सोशल मीडिया
Vande Bharat Sleeper Trial: भारतीय रेलवे ने हाई-स्पीड ट्रेनों के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नई दिल्ली-मुंबई रूट के कोटा-नागदा सेक्शन पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 182 किमी/घंटा की रफ्तार छूकर इतिहास रच दिया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ‘न्यू जेनरेशन’ ट्रेन का वीडियो साझा किया है।
मंगलवार को कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) की देखरेख में वंदे भारत स्लीपर का बहुप्रतीक्षित ट्रायल रन आयोजित किया गया। यह परीक्षण रतलाम मंडल के माधोपुर-कोटा-नागदा सेक्शन पर किया गया। ट्रेन ने न केवल 180 किमी/घंटा की सीमा को पार किया, बल्कि 182 किमी/घंटा की टॉप स्पीड हासिल की। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि को “सफर के नए युग की शुरुआत” बताया है।
इस ट्रायल की सबसे चौंकाने वाली बात ट्रेन की स्थिरता रही। हाई-स्पीड के दौरान ट्रेन के भीतर एक ट्रे में चार गिलास पानी रखे गए थे, जिनमें से एक गिलास तीन अन्य गिलासों के ऊपर पिरामिड की तरह रखा था। 182 किमी/घंटा की प्रचंड रफ्तार के बावजूद, गिलास से पानी की एक बूंद भी नीचे नहीं गिरी। यह तकनीकी खूबी दर्शाती है कि वाइब्रेशन के मामले में नई वंदे भारत स्लीपर पूरी तरह स्थिर और संतुलित रहेगी, जिससे यात्रियों को आरामदायक नींद मिल सकेगी।
वर्तमान में चल रही वंदे भारत ट्रेनें मुख्य रूप से ‘चेयर कार’ श्रेणी की हैं। हालांकि उनकी डिजाइन स्पीड 180 किमी/घंटा है, लेकिन वे अधिकतम 160 किमी/घंटा की ऑपरेशनल स्पीड पर ही चलती हैं। नई स्लीपर ट्रेन को लंबी दूरी के सफर के लिए ‘न्यू जेनरेशन’ तकनीक से लैस किया गया है। हालांकि, ट्रेन की औसत रफ्तार हमेशा ट्रैक की ज्योमेट्री, मेंटेनेंस और रूट के स्टॉपेज पर निर्भर करती है।
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रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का इंतजार अब खत्म होने वाला है। सफल ट्रायल और तकनीकी परीक्षणों के बाद अब इसकी लॉन्चिंग की तैयारी तेज हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल में अगले महीने यानी जनवरी में पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन आम यात्रियों को लेकर पटरी पर दौड़ने लगेगी। यह ट्रेन दिल्ली-मुंबई जैसे प्रमुख रूटों पर प्रीमियम यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।






