पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, फोटो: सोशल मीडिया
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। तमाम नेताओं मे उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु को आज कई साल बीत चुके हैं लेकिन देश आज भी उनके योगदान को ससम्मान स्मरण करता है। इस भावभीनी श्रद्धांजलि सभा में कई अन्य प्रमुख नेताओं ने भी भाग लिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित अनेक लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। अटल जी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं और उन्होंने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अटल जी को स्मरण करते हुए लिखा कि उनके जीवन का सेवा भाव और भारत की प्रगति के लिए किया गया समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी की नीतियां और दृष्टिकोण एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में आज भी मार्गदर्शन करती हैं।
सभी देशवासियों की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन। राष्ट्र के चौतरफा विकास को लेकर उनका समर्पण और सेवा भाव विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान के लिए हर किसी को प्रेरित करने वाला है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2025
अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक जीवन अत्यंत प्रभावशाली और प्रेरणादायक रहा है। वे 16 से 31 मार्च 1996 और फिर 19 मार्च 1998 से 13 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे देश के ऐसे पहले नेता बने जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री पद प्राप्त किया। साथ ही, इंदिरा गांधी के बाद वे पहले नेता बने जिनकी अगुवाई में पार्टी ने लगातार तीन आम चुनावों में सफलता पाई। ग्वालियर, मध्य प्रदेश में 25 दिसंबर 1924 को जन्मे वाजपेयी जी को चार दशकों से भी अधिक समय का संसदीय अनुभव प्राप्त था। वे 1957 से संसद के सदस्य रहे।
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देश सेवा के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया गया, जिनमें वर्ष 1992 में पद्म विभूषण और 2015 में भारत रत्न प्रमुख हैं। इसके अलावा, उन्हें लोकमान्य तिलक पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और कानपुर विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी प्राप्त हुई। 16 अगस्त 2018 को अटल जी का निधन 93 वर्ष की उम्र में हुआ। उनके विचार, योगदान और नेतृत्व आज भी देशवासियों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। उनका जीवन राष्ट्रसेवा, समर्पण और सिद्धांतों की मिसाल है।