एअर इंडिया विमान हादसे पर याचिका दाखिल, फोटो- सोशल मीडिया
Ahmedabad Air India Plane Crash: विमानन सुरक्षा से जुड़ी एक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर इस पूरे मामले की अदालत की निगरानी में स्वतंत्र और पारदर्शी जांच कराने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि हादसे की अब तक की जांच रिपोर्ट में कई अहम तथ्यों को जानबूझकर छिपाया गया है।
‘कॉन्स्टिट्यूशन बाय सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन’ नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। संस्था के प्रमुख कैप्टन अमित सिंह (एफआरएईएस) की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि नागरिकों को सही जानकारी से वंचित करना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में हादसे की अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की गई है ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।
12 जुलाई को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने इस हादसे पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच एक-एक सेकंड के अंतर से ‘रन’ से ‘कटऑफ’ मोड में चले गए थे, जिससे विमान की ऊंचाई अचानक गिर गई और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
हालांकि याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस रिपोर्ट में कई अहम जानकारी जैसे ‘डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ (डीएफडीआर) की पूरी जानकारी, ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर’ (सीवीआर) की ट्रांसक्रिप्ट और ‘इलेक्ट्रॉनिक एयरक्राफ्ट फॉल्ट रिकॉर्डिंग’ (ईएएफआर) डेटा को सार्वजनिक नहीं किया गया।
जनहित याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट की गलती को जल्दबाज़ी में दुर्घटना का मुख्य कारण बताया गया है, जबकि सिस्टम में संभावित खामियों को नजरअंदाज किया गया है। याचिकाकर्ताओं का मानना है कि यदि पूरी जांच पारदर्शी ढंग से की जाती, तो इससे विमानन क्षेत्र की सुरक्षा में जरूरी सुधार किए जा सकते थे।
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इस दर्दनाक हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की जान चली गई थी। मृतकों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली नागरिक, एक कनाडाई और 12 क्रू सदस्य शामिल थे। हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति, ब्रिटिश नागरिक विश्वाशकुमार रमेश, जीवित बचे थे। विमान टेकऑफ के तुरंत बाद एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर गिर गया था। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर क्या रुख अपनाता है और क्या इस मामले में जांच को नए सिरे से अंजाम दिया जाएगा।