तृप्ति डिमरी ने बताया अपने बचपन का कड़वा सच
मुंबई: बॉलीवुड की उभरती हुई अदाकारा तृप्ति डिमरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने जीवन के बेहद निजी और संवेदनशील पहलुओं पर बात की। उन्होंने उस सामाजिक भेदभाव को सामने लाया, जिसे उन्होंने न सिर्फ अपने आसपास देखा, बल्कि खुद भी अनुभव किया। यह बातचीत न सिर्फ भावुक कर देने वाली थी, बल्कि समाज को भी एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर गई।
तृप्ति ने खुलासा किया कि जब उनका जन्म हुआ, तो उनके परिवार और समाज के कुछ लोगों ने खुशी के बजाय नाराजगी जताई। तृप्ति ने भावुक होते हुए कहा कि लोग मुंह बिगाड़कर कहते थे कि लड़की पैदा हो गई। उन्होंने बताया कि कई बार रिश्तेदारों के बीच यह माहौल बना दिया जाता था कि दो-तीन बेटियों के बाद बेटे का जन्म जरूरी है, ताकि वंश आगे बढ़े।
तृप्ति ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार में जेंडर डिस्क्रिमिनेशन को करीब से देखा है। तृप्ति ने बताया कि मुझे बड़े होकर पता चला कि मेरा आना किसी जश्न जैसा नहीं था। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षा और आधुनिकता के बावजूद समाज में यह सोच अब भी मौजूद है। तृप्ति ने सिर्फ लिंग भेद ही नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त आर्थिक और सामाजिक असमानता को भी रेखांकित किया।
तृप्ति ने कहा कि उन्होंने देखा है लोग हाउसहेल्प या गरीब लोगों के साथ सम्मान से पेश नहीं आते। तृप्ति ने कहा कि लोग जब बाहर खाना खाने जाते हैं, तब भी अपनी हाउसहेल्प को इंसान की तरह ट्रीट नहीं करते। ये बहुत दुखद है। तृप्ति डिमरी का यह इंटरव्यू एक मजबूत संदेश देता है कि सफलता के पीछे छिपे दर्द और संघर्ष को समझना जरूरी है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने इन सभी बाधाओं को पार कर अपने लिए एक अलग पहचान बनाई है।
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तृप्ति डिमरी ने 2017 में फिल्म पोस्टर बॉयज से शुरुआत की थी। इसके बाद, उन्होंने लैला मजनू में मुख्य भूमिका निभाई, लेकिन उन्हें 2020 की फिल्म बुलबुल और 2022 की फिल्म कला में उनके अभिनय के लिए महत्वपूर्ण पहचान मिली, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर ओटीटी पुरस्कार भी मिला। 2023 में, उन्होंने रणबीर कपूर के साथ फिल्म एनिमल में एक सहायक भूमिका निभाई।