बॉलीवुड की ये मशहूर अभिनेत्रियां क्यों नहीं रखतीं करवा चौथ का व्रत?
Karwa Chauth: पूरे देश में करवा चौथ का त्योहार 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह सुहागनों के लिए सबसे खास पर्व होता है, जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। फिल्मों में अक्सर अभिनेत्रियां इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाती हुई दिखाई देती हैं, लेकिन असल जिंदगी में बॉलीवुड की कई ऐसी मशहूर एक्ट्रेसेस हैं, जो इस पारंपरिक व्रत से कतराती हैं और इसे नहीं रखतीं। इन अभिनेत्रियों में हेमा मालिनी, कंगना रनौत, रत्ना पाठक शाह और ट्विंकल खन्ना जैसी अभिनेत्रियां शामिल हैं, जिन्होंने खुलकर इस बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं।
ये एक्ट्रेसेस मानती हैं कि पति की लंबी उम्र के लिए भूखा रहना कोई वैज्ञानिक आधार नहीं रखता। इन अभिनेत्रियों ने अपने करियर और निजी जीवन में तर्कसंगत सोच को महत्व दिया है। उन्होंने बताया है कि प्यार और साथ निभाने के लिए व्रत रखना जरूरी नहीं है। जहां कई एक्ट्रेसेस इस त्योहार को उत्साह से मनाती हैं, वहीं इन अभिनेत्रियों का मानना है कि यह व्रत पूरी तरह से निजी पसंद का मामला है और वे इस प्रथा को नहीं मानती हैं।
बॉलीवुड की ‘ड्रीम गर्ल’ और वेटरन एक्ट्रेस हेमा मालिनी भी उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने कभी भी अपने पति धर्मेंद्र के लिए करवा चौथ का व्रत नहीं रखा। उन्होंने एक इंटरव्यू में साफ कहा था कि वह व्रत जैसी परंपराओं को नहीं मानतीं। उनका मानना है कि पति की लंबी उम्र भगवान के हाथ में होती है, और यह केवल प्यार और देखभाल से तय होती है, न कि भूखे रहने से। हेमा जी ने हमेशा जीवन में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और स्वस्थ दिनचर्या को महत्व दिया है।
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अपने हाजिरजवाबी और मजाकिया स्वभाव के लिए मशहूर ट्विंकल खन्ना ने करवा चौथ के व्रत को एक बार हास्यास्पद तक बताया था। उन्होंने तर्क दिया था कि अगर व्रत रखने से पति की उम्र लंबी होती, तो भारत में पुरुषों की औसत आयु महिलाओं से ज़्यादा क्यों नहीं होती? वहीं, बॉलीवुड की ‘क्वीन’ कंगना रनौत भी इस व्रत को नहीं रखतीं। उनका मानना है कि किसी व्यक्ति की लंबी उम्र के लिए किसी को भूखा रहने की ज़रूरत नहीं है और कर्म सबसे बड़ा धर्म है।
दिग्गज अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह भी इस व्रत को लेकर अपने रूढ़िवाद विरोधी विचारों के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कई मौकों पर इस प्रथा को मानने से इनकार किया है और इसे केवल महिलाओं पर थोपी गई एक पितृसत्तात्मक परंपरा बताया है। उनका मानना है कि पति-पत्नी का रिश्ता समानता और निजी स्वतंत्रता पर आधारित होना चाहिए। इन अभिनेत्रियों ने अपनी बातों से समाज में एक नई बहस शुरू की है कि प्यार और शादी को परिभाषित करने के लिए पुरानी प्रथाओं को मानना ज़रूरी नहीं है।