किन चीजों के बिना अधूरी है करवा चौथ की पूजा (सौ.सोशल मीडिया)
Karwa Chauth Ke Saman Ki List: करवा चौथ हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पूरे देशभर में सुहागन महिलाऒ के द्वारा हर्षोल्लास एवं श्रद्धा, भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह प्रेम और रिश्तों में मिठास लाने का पर्व है, जिस पर उपवास रखने से जीवन में सुख-समृद्धि वास करती है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक करवा चौथ पर ‘करवा माता’ की पूजा-अर्चना की जाती है।
कहा जाता है इस दौरान पूजा-अर्चना हमेशा संपूर्ण सामग्री और नियमों के साथ करना शुभ होता है। इससे अखंड सोभाग्य का वरदान मिलता है। ऐसे में आइए करवा चौथ के पूजन की संपूर्ण सामग्री को जानते हैं।
छलनी
करवाचौथ व्रत कथा पुस्तक
मिट्टी का करवा (कलश)
दही, देसी घी
शक्कर
शहद
नारियल
दीपक
धूप
अगरबत्ती
मौली
अक्षत
कुमकुम
रोली
चन्दन
फूल
कलश भर जल
हल्दी
चावल
मिठाई
कच्चा दूध
पान
ताजे फल
हलवा या खीर
पका हुआ भोजन
पानी
मेवे
मिठाई
इनके अलावा सरगी में सुहाग की वस्तुएं जैसे सिंदूर, चूड़ियां, बिछिया, साड़ी और अन्य पारंपरिक सामान भी शामिल होते हैं, जिन्हें सास अपनी बहू को आशीर्वाद स्वरूप देती हैं।
सिन्दूर, मेहंदी, महावर, नेल पॉलिश, चूड़ी, दीपक, अगरबत्ती, चुनरी, बिंदिया, कंघा, बिछिया, मंगलसूत्र, दक्षिणा के पैसे, मांग टीका, वस्त्र।
करवा
सिन्दूर
पानी का लोटा
छलनी
दीपक
मिट्टी के 5 डेलिया
कांस की तीलियां
मिठाई
करवा चौथ व्रत की शुरुआत सुबह सरगी लेकर की जाती है। व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन करती हैं और उसके बाद दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं।
दिन में महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और शाम के समय शुभ मुहूर्त में शिव परिवार और करवा माता की विधि विधान पूजा करती हैं। रात में चंद्रमा की पूजा करके व्रत का पारण किया जाता है।
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आप करवा चौथ के लिए वस्त्रों का दान भी कर सकती हैं। इसके अलावा महिलाएं लाल रंग की चुनरी या इत्र दान कर सकती है। यह शुभ होता है। हालांकि, अपनी क्षमतानुसार धन और अन्न को दान करना भी लाभकारी होता है। इसके प्रभाव से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।