जहरीला कफ सिरप मामला (फाइल फोटो)
Poisonous Cough Syrup: दूषित कफ सिरप के कारण मध्य प्रदेश के 15 बच्चों की जान चली गई। इस घटना ने देशभर की स्वास्थ्य व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। सबसे ज्यादा मौतें मध्य प्रदेश के बच्चों की हुई है। मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के दौरे के अगले दिन यानी बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 2 सदस्यीय टीम भी नागपुर पहुंची। मृत्यु के कारणों का विश्लेषण करने के साथ ही अन्य जानकारी एकत्रित की जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर एम्स की एक टीम मंगलवार को मेडिकल अस्पताल गई थी। टीम ने मरीजों के इलाज के दस्तावेजों की जांच की और भर्ती मरीजों के इलाज की जानकारी जुटाई। वहीं बुधवार को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की सहसंचालक डॉ. आरती तिवारी व डॉ. नवीन वर्मा नागपुर आये। अब वे भी मेडिकल, एम्स सहित विविध प्राइवेट अस्पतालों का निरीक्षण कर जानकारी एकत्रित करेंगे। इसके साथ ही टीम मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल और सिवनी में भी जाने वाली है।
इस बीच, मेडिकल में 24 घंटे डायलिसिस (सीआरआरटी) मशीन उपलब्ध नहीं होने के कारण एक माता-पिता ने अपनी जिम्मेदारी पर अपने बच्चे को मेडिकल से एम्स में भर्ती कराया। अब तक मध्य प्रदेश के 36 बच्चों को नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से ज्यादातर बच्चों की मौत मेडिकल में हुई है।
यह भी पढ़ें – जहरीला कफ सिरप: नागपुर में अब तक 21 बच्चों की मौत, मेडिकल-AIIMS पहुंची छिंदवाड़ा के डॉक्टर्स की टीम
फिलहाल 4 बच्चों की हालत गंभीर है और उनका इलाज चल रहा है। 4 बच्चों में से 2 वेंटिलेटर पर हैं, जबकि 2 का डायलिसिस शुरू है। फिलहाल डॉक्टरों का पूरा ध्यान इन बच्चों पर लगा है। डीएमईआर सहित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी सतत रूप से फॉलोअप ले रहा है लेकिन अब तक नमूनों की रिपोर्ट नहीं आने से बीमारी की स्पष्टता नहीं हो सकी है।