EV खरीदे पर होगा फयादा। (सौ. Freepik)
देशभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में अपनी नई ईवी पॉलिसी का ऐलान किया है। इस नीति का उद्देश्य है कि 2030 तक राज्य में रजिस्टर होने वाले कुल नए वाहनों में 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हों।
नई नीति के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति टैक्सी या कमर्शियल ट्रांसपोर्ट के लिए इलेक्ट्रिक कार खरीदता है, तो सरकार उसे अधिकतम ₹2 लाख तक की सब्सिडी देगी। इस योजना का लाभ 25,000 इलेक्ट्रिक कारों को मिलेगा। वहीं निजी उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 10,000 कारों के लिए ₹1.5 लाख तक की सब्सिडी तय की गई है।
इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 1,500 ई-बसों पर प्रति बस ₹20 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी, जो निजी और सिटी बस दोनों को कवर करेगी। हालांकि कुल बसों की संख्या 3,000 से अधिक नहीं होगी।
राज्य सरकार 1 लाख इलेक्ट्रिक स्कूटर की खरीद पर वाहन की कीमत के 10% के बराबर, अधिकतम ₹10,000 तक की सब्सिडी देगी। इसके अलावा, अंतिम मील कनेक्टिविटी को इलेक्ट्रिक बनाने के लिए 15,000 पैसेंजर ई-रिक्शा और 15,000 कमर्शियल तिपहिया वाहनों पर क्रमशः ₹30,000 तक की सब्सिडी दी जाएगी।
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यह पॉलिसी 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक प्रभावी रहेगी। इस अवधि में ईवी मालिकों को 100% मोटर व्हीकल टैक्स और रजिस्ट्रेशन रिन्युअल फीस से छूट मिलेगी। मुंबई-पुणे और मुंबई-नासिक एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स भी नहीं लगेगा।
सरकार का लक्ष्य हर 25 किमी पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना, सरकारी दफ्तरों की पार्किंग में ईवी चार्जिंग की सुविधा और नई बिल्डिंगों में अनिवार्य चार्जिंग पॉइंट बनवाना भी है।