एंटनी ब्लिंकन
दोहा: गाजा युद्धविराम वार्ता को लेकर जद्दोजेहद तेज है। गुरुवार को दोहा में शुरू हुई गाजा युद्धविराम वार्ता शुक्रवार को रोक दी गई। कयास लगाया जा रहा है कि वार्ता की शुरुआत अगले सप्ताह फिर से हो सकती है। लेकिन इस बीच इसरायली सेना ने बीते दिन दक्षिणी और सेंट्रल गाजा में आदेश जारी कर लोगों से क्षेत्र खाली करने का आदेश दिया है। इसराइल के इस रवैये को देखकर अंदाजा तो यही लगाया जा रहा है कि इसरायल हमला करना की तैयारी में फिर से जुट गया है।
पश्चिम एशिया में तनाव कम करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन रविवार को इसरायल पहुंचेंगे। इसके बाद वे सोमवार को पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे। पश्चिम एशिया के शुभचिंतकों के साथ बंधकों के परिवार के लोग गाजा वार्ता के परिणाम पर आस लगाए हुए हैं। उम्मीद है कि कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आए।
ये भी पढ़ें:-जेलेंस्की ने पुतिन की ताकत को तौला, रुस के क्षेत्र में घुसकर यूक्रेनी लड़ाकों ने बना लिया सैन्य दफ्तर
गाजा युद्धविराम वार्ता बेहद जरूरू
मध्यस्थों के मुताबिक, वार्ता की प्रगति को लेकर हमास को लगातार जानकारी दी जार रही है, क्योंकि वह इसमें प्रत्यक्ष भाग नहीं ले रहा है। गाजा समझौता वार्ता को लेकर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के प्रवक्ता जान किर्बी ने कहा कि यह एक अहम वार्ता है। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रक्रिया को पूरा करना हमारा लक्ष्य है। दूसरी ओर, वार्ता के बीच इसरायल की आक्रमकता में कोई कमी नहीं आई है।
मानवाधिकार सुरक्षित जोन घोषित क्षेत्र में हमले की तैयारी
इसरायली सैनिकों का दक्षिणी गाजा के शहर रफाह और खान यूनिस में हमला जारी है। हमास ने आरोप लगाया है कि इसरायल लगातार वार्ता को बाधित करने की कोशिश कर रहा है। इसरायली सेना ने शुक्रवार को दक्षिणी गाजा और सेंट्रल गाजा के उन क्षेत्रों को खाली करने को कहा। ये वो क्षेत्र रहे जो अब तक मानवाधिकार सुरक्षित जोन घोषित थे।
हमास पर इजराइल का आरोप
बता दें कि हमास और इसरायल के बीच हाे रहे युद्ध को लगभग एक साल होने को हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी दोनों के बीच जारी संघर्ष पर विराम नहीं लगाया जा सका। पर पिछले कुछ दिनों से प्रयास काफी तेज हो गया है। वहीं इसरायल ने आरोप कि हमास लड़ाके अब नागरिकों के बीच ठिकाना बना रहे हैं। जिस वजह से उन्हें ऐसी जगहों पर हमला करना पड़ रहा है।
ये भी पढ़ें:-मंकी पॉक्स को WHO ने घोषित किया ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी, अब तक 1100 लोगों की मौत