प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Israel-Hamas Peace Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल और हमास के बीच शांति स्थापित करवाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने इजिप्ट के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी को 13 अक्टूबर को होने वाली पीस समिट में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी को यह निमंत्रण अमेरिका और इजिप्ट की ओर से मिला है।
हालांकि, अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस आमंत्रण पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसलिए अभी यह नहीं कहा जा सकता कि प्रधानमंत्री मोदी समिट में हिस्सा लेंगे या नहीं। इजिप्ट में हो रहे इस पीस समिट का मकसद इजरायल और हमास के बीच गाजा में जारी जंग को खत्म करना है।
गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच करीब तीन साल से जारी जंग में अब तक 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों घायल हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युद्ध रोकने के लिए एक 20-सूत्रीय योजना लेकर आए हैं, जिसमें तत्काल युद्धविराम, इजरायली सेना की वापसी, बंधकों की रिहाई और लंबे समय की शांति पर जोर दिया गया है।
इजिप्ट में होने वाली बैठक इस समझौते को औपचारिक रूप देने की दिशा में अहम कदम हो सकती है। हालांकि, हमास ने इस बैठक में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस बैठक में शामिल होने को लेकर सस्पेंस बरकरार है। यह बैठक मिडिल ईस्ट में आने वाले समय में शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
भारत सरकार ने इस समिट में पहले ही विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को भेजने का फैसला कर लिया है। सिंह इसमें देश का पक्ष रखेंगे और शांति प्रक्रिया का समर्थन करेंगे। भारत ने हमेशा से ही इजरायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर संतुलन बनाए रखा है। इस समिट में भारत की मौजूदगी न केवल क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देगी, बल्कि इस गंभीर मुद्दे पर भारत की मानवीय प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगी।
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माना जा रहा है कि, अगर प्रधानमंत्री मोदी इस समिट में शामिल होते हैं तो इससे पूरी दुनिया को एक बड़ा और मजबूत संदेश जाएगा। साथ ही, इससे अमेरिका के साथ चल रहे तनाव को कम करने में भी मदद मिल सकती है।