अयोध्या में 25 नवंबर को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिलेगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के स्वर्ण शिखर पर केसरिया ध्वज फहराएंगे। इस आयोजन को लेकर संत समाज और राम भक्तों में अपार उत्साह है। संतों ने इसे 500 वर्षों के संघर्ष की पूर्णता और भव्य राम मंदिर के सपने के साकार होने का उत्सव बताया है। साधु-संतों ने पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में अयोध्या के कायाकल्प की जमकर प्रशंसा की। धर्म पथ, राम पथ, इंटरनेशनल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जैसे विकास कार्यों ने अयोध्या को त्रेतायुग जैसा स्वरूप दिया है। स्थानीय लोगों ने इसे ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ और भाईचारे की मिसाल बताया। वहीं, कुछ संतों ने इस धार्मिक अनुष्ठान को हिंदू राष्ट्र की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताते हुए सरकार से इसे घोषित करने की आशा भी जताई है।
अयोध्या में 25 नवंबर को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिलेगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के स्वर्ण शिखर पर केसरिया ध्वज फहराएंगे। इस आयोजन को लेकर संत समाज और राम भक्तों में अपार उत्साह है। संतों ने इसे 500 वर्षों के संघर्ष की पूर्णता और भव्य राम मंदिर के सपने के साकार होने का उत्सव बताया है। साधु-संतों ने पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में अयोध्या के कायाकल्प की जमकर प्रशंसा की। धर्म पथ, राम पथ, इंटरनेशनल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जैसे विकास कार्यों ने अयोध्या को त्रेतायुग जैसा स्वरूप दिया है। स्थानीय लोगों ने इसे ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ और भाईचारे की मिसाल बताया। वहीं, कुछ संतों ने इस धार्मिक अनुष्ठान को हिंदू राष्ट्र की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताते हुए सरकार से इसे घोषित करने की आशा भी जताई है।






