
आयुष्मापन बाल संबल योजना। इमेज-एआई
Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana: राजस्थान सरकार बच्चों की गंभीर रोगों और दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए बेहद खास योजना चल रही। यह योजना 11 महीने से चल रही है। हालांकि, कम लोग इस योजना के बारे में जानते हैं। दरअसल, ऐसे बच्चे जो दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित होने के बाद आर्थिक अभाव के कारण इलाज की उम्मीद छोड़ देते थे, उनके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने इस साल जनवरी में आयुष्मान बाल संबल योजना शुरू की। योजना का उद्देश्य गंभीर और दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को आर्थिक सुरक्षा देना और उनका समुचित उपचार सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना के तहत बच्चों को 50 लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार और परिवारों को 5000 रुपये मासिक वित्तीय मदद दी जा रही है। यह योजना दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए बड़ी राहत और सहारा बनकर सामने आई है। यह योजना न सिर्फ महंगे इलाज का पूरा खर्च उठाती है, बल्कि उपचार के दौरान परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक तनाव को भी कम करती है। इस कारण यह गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आई है।
राजस्थान सरकार ने आयुष्मान बाल संबल योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया को पूरी तरह आसान और पारदर्शी बनाया है, ताकि जरूरतमंद परिवार बिना परेशानी के आवेदन कर सके। योजना के लिए आवेदन ई–मित्र केंद्र या एसएसओ आईडी से किया जा सकता है, जहां बायोमेट्रिक या ओटीपी सत्यापन पर्याप्त माना जाता है। बताया जा रहा कि दुर्लभ बीमारी का प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किया जाता है। इसे एम्स जोधपुर और जेके लोन अस्पताल, जयपुर के नोडल अधिकारी प्रमाणित करते हैं। यह प्रमाण पत्र आवेदन प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। इसके आधार पर ही बच्चे की पात्रता तय होती है।
बच्चा राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए या परिवार कम-से-कम तीन वर्षों से राजस्थान में रह रहा हो। परिवार की सालाना आय दो लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
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50 लाख तक का पूरी तरह मुफ्त इलाज। हर माह परिवार को 5,000 रुपये की सहायता। 18 साल के बच्चों के लिए लागू। 56 प्रकार की बीमारियों में इलाज के लिए सहायता। गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के इलाज में नई उम्मीद।






