पाकिस्तान में भारी बारिश और बाढ़ से कहर (फोटो- सोशल मीडिया)
Pakistan monsoon disaster: पाकिस्तान प्रकृति की भीषण आपदा की चपेट में है। खैबर पख्तूनख्वा के कई इलाके भारी बारिश और बाढ़ से पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। बुनर जिले में हालात सबसे ज्यादा भयावह हैं, जहां अकेले 184 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल मिलाकर अब तक 307 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सैकड़ों लोग लापता हैं जिनका तो अभी कुछ पता ही नहीं है और साथ ही बचाव दल भी लगातार राहत कार्य में जुटे हुए हैं। प्रशासन की चेतावनी है कि वहां बारिश 21 अगस्त तक जारी रह सकती है।
भारी बारिश और बाढ़ ने न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के तमाम हिस्सों को भी प्रभावित किया है। भारत और नेपाल के कुछ राज्यों में भी बाढ़ और भूस्खलन से लोगों की जान गई और संपत्ति का नुकसान हुआ है। पाकिस्तान में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि बारिश से बुनियादी ढांचा पूरी तरह चरमरा गया है। कई सड़कें बंद हैं, पुल बह गए हैं और हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं।
राजधानी इस्लामाबाद से तीन घंटे की दूरी पर स्थित बुनर जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन ने दर्जनों गांवों को तबाह कर दिया। अकेले इस इलाके में 93 शव बरामद किए गए हैं। वहीं शांगला में भारी बारिश के कारण एक इमारत की छत गिरने से 34 लोगों की मौत हो गई। प्रांतीय मुख्य सचिव शहाब अली शाह ने कहा कि हालात बेहद गंभीर हैं, लेकिन सेना और प्रशासन मिलकर राहत कार्य को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं।
डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ईशाक डार ने जानकारी दी कि राहत और बचाव कार्य के लिए सिविल और मिलिट्री टीमें संयुक्त रूप से काम कर रही हैं। प्रभावित परिवारों के लिए मेडिकल कैंप और राहत शिविर लगाए गए हैं। जिनके घर उजड़ गए हैं, उनके लिए खाने और पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है। भारी मशीनरी की मदद से सड़कों को बहाल करने की कोशिश हो रही है ताकि फंसे लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके। प्रधानमंत्री ने आपात बैठक बुलाई है और आपातकालीन फंड जारी किए गए हैं।
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वहीं चिंता भविष्य यह है कि अगर बारिश का सिलसिला ऐसे ही जारी रहा तो बुनर और शांगला जैसे इलाके और ज्यादा संकट में आ सकते हैं। प्रशासन का कहना है कि फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती लोगों को सुरक्षित निकालना और उन्हें राहत पहुंचाना है।