किम जोंग उन, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
North Korea News hindi: उत्तर कोरिया वह देश है जिसने कभी अमेरिका की इच्छा का सम्मान नहीं किया और न ही उसकी चिंता की है। समय-समय पर उत्तर कोरिया ने सीधे अमेरिका को चेतावनी दी है और परमाणु हथियारों का परीक्षण कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया है। अब उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन एक ऐसे देश का दौरा करने वाले हैं, जिससे अमेरिका के लिए चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन अगले सप्ताह चीन की राजधानी बीजिंग में होने वाली सैन्य परेड में शामिल होंगे। इस बात की पुष्टि उत्तर कोरिया और चीन दोनों की सरकारी मीडिया ने की है। यह किम की उन सीमित विदेश यात्राओं में से एक है, क्योंकि वह आमतौर पर विदेशों में कम नजर आते हैं।
चीन द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर भव्य सैन्य परेड का आयोजन कर रहा है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, इस परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत 26 अन्य विदेशी नेता भी शामिल होंगे। चीन के सहायक विदेश मंत्री होंग लेई ने बताया कि किम जोंग उन 3 सितंबर को ‘विजय दिवस समारोह’ में भाग लेने आएंगे।
North Korea की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया है कि किम जोंग उन चीन जाएंगे, जहां उन्हें राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के समारोह में भाग लेने का निमंत्रण दिया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किम कब उत्तर कोरिया छोड़ेंगे और चीन में कितने दिन रहेंगे। समारोह में अमेरिका या प्रमुख पश्चिमी यूरोपीय देशों के नेताओं के आने की संभावना कम है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध को लेकर उनके पुतिन के साथ मतभेद हैं। यदि किम बीजिंग जाते हैं, तो यह 2019 के बाद उनकी पहली चीन यात्रा होगी।
यह भी पढ़ें:- ‘सत्ता का लालची असीम मुनीर…’ पाकिस्तान में सियासी जंग तेज, इमरान खान ने किया चौंकाने वाला दावा
चीन लंबे समय से उत्तर कोरिया का सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक और रणनीतिक सहयोगी रहा है। किम जोंग उन की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब उत्तर कोरिया ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ कूटनीतिक संबंधों को फिर से स्थापित करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखता। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग लगातार यह आशा जताते रहे हैं कि उत्तर कोरिया के साथ वार्ता फिर से शुरू की जा सकती है।