
विदेश मंत्री जयशंकर ने खोली पाकिस्तान की पोल (सोर्स- सोशल मीडिया)
Pakistan on S Jaishankar Statement: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि भारत की अधिकांश समस्याओं की जड़ पाकिस्तान की सेना है, जो आतंकवादी समूहों को समर्थन देती है। उन्होंने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए यह भी कहा, “जैसे अच्छे और बुरे आतंकवादी होते हैं, वैसे ही कुछ अच्छे सैन्य नेता होते हैं और कुछ शायद उतने अच्छे नहीं।” यह बयान पाकिस्तानी सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की ओर इशारा माना जा रहा है।
पाकिस्तान ने जयशंकर की इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने कहा कि पाकिस्तान भारतीय विदेश मंत्री की टिप्पणियों को भड़काऊ, बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना मानता है। उन्होंने पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बताते हुए कहा कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार देश है और उसके सभी संस्थान, जिसमें सशस्त्र बल भी शामिल हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा के मजबूत स्तंभ हैं।
अंद्राबी ने यह भी कहा कि मई में हुई झड़पों ने पाकिस्तानी सेना के संकल्प को प्रदर्शित किया, जिसमें उसने किसी भी आक्रमण का मजबूती से जवाब दिया। इस संबंध में 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तानी क्षेत्र और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए गए।
इन हमलों के दौरान चार दिन तक सैन्य टकराव चला, जो 10 मई को समझौते के साथ समाप्त हुआ। भारतीय वायुसेना प्रमुख के मुताबिक, भारतीय हमलों में पाकिस्तान के 12 से अधिक लड़ाकू विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिनमें अमेरिकी एफ-16 जेट भी शामिल थे। इससे पाकिस्तान को भारी जान-माल का नुकसान हुआ।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने ऑपरेशन सिंदूर का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान की सैन्य ताकत और संकल्प को बढ़ावा दिया। भारत द्वारा किए गए हमलों के जवाब में पाकिस्तानी सेना ने अपनी तैयारियों और बलिदान की मिसाल पेश की।
यह भी पढ़ें: हैदराबाद में सड़क का नाम होगा डोनाल्ड ट्रंप एवेन्यू, रतन टाटा और गूगल भी होगा रोड का नाम
मुनीर ने इस ऑपरेशन को अपनी सेना की क्षमता और आक्रमणों से निपटने की तत्परता को दिखाने का अवसर बनाया। उन्होंने इसे पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे के मजबूत स्तंभ के रूप में प्रस्तुत किया, ताकि देशवासियों में सेना की विश्वसनीयता और सुरक्षा का भरोसा कायम रखा जा सके।






