
चीन-जापान के बीच तनाव (सोर्स- सोशल मीडिया)
Japan Philippines Missile Deal: जापान फिलीपींस को मिसाइल सिस्टम बेचने की योजना बना रहा है, जो नए सुरक्षा समीकरण पैदा कर सकता है। इस डील से फिलीपींस और अमेरिका के बीच सैन्य संबंध और मजबूत हो सकते हैं, खासकर शीत युद्ध के बाद के समय में। फिलीपींस को यह मिसाइल सिस्टम मिलने से अमेरिका को गुआम की रक्षा को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। चीन इस डील पर गंभीर रूप से नजर रख रहा है, क्योंकि यह उसके लिए चिंता का विषय बन सकता है।
जापान और फिलीपींस के बीच बातचीत में टाइप 03 मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (Chu-SAM) को बेचने की संभावना पर चर्चा हो रही है। यह मिसाइल सिस्टम एयरक्राफ्ट और क्रूज मिसाइलों को रोकने में सक्षम है। फिलीपींस को यह मिसाइल सिस्टम मिल जाने से उसकी रक्षा क्षमता मजबूत हो जाएगी, खासकर जब उसे चीन से संभावित खतरे का सामना हो सकता है।
फिलीपींस को चिंता है कि ताइवान पर चीन के हमले की स्थिति में वह भी निशाना बन सकता है। फिलीपींस की वर्तमान मिसाइल रक्षा सीमित है, और जापान से इस प्रणाली की खरीद उसे अपने सुरक्षा प्रयासों को और मजबूत करने का मौका देगी।
इस मिसाइल डील से अमेरिका को गुआम की रक्षा में मदद मिलेगी, क्योंकि गुआम चीन के मिसाइल हमलों के लिए एक संभावित निशाना है। फिलीपींस से गुआम के मिसाइल रडारों की रक्षा की जा सकती है। वहीं, अमेरिकी रडार जापान में तैनात हैं, जो दक्षिण चीन सागर से होने वाले मिसाइल हमलों का पता लगा सकते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका फिलीपींस पर पूरी तरह से भरोसा नहीं करेगा। इसलिए, वह दक्षिण चीन सागर में अपने विध्वंसक और क्रूज जहाजों को तैनात कर सकता है, साथ ही THAAD (Terminal High Altitude Area Defense) प्रणाली भी लगा सकता है, जिससे मिसाइलों को बीच रास्ते में ही नष्ट किया जा सके।
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चीन भी इस पर अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठा सकता है। यह पूरी स्थिति चीन के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि फिलीपींस और जापान के बीच बढ़ता सैन्य सहयोग दक्षिण चीन सागर में उसके प्रभाव को चुनौती दे सकता है।






