पी. हरिश, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
वांशिगटन: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक गहरा गया है। शनिवार को भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के असली चेहरे को बेनकाब किया। दरअसल, भारत ने शनिवार को सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए झूठे प्रचार की आलोचना की, जिसे भारत सरकार ने पहलगाम हमले के मद्देनजर रोक दिया था।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में सिंधु जल संधि के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी के “खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते” वाले बयान के अनुरूप अपना रुख स्पष्ट किया है। भारत ने पाकिस्तान को इस संधि के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तीन युद्ध छेड़े और हजारों आतंकी हमले कर संधि की आत्मा को ठेस पहुंचाई है। भारत ने पाकिस्तान के सभी झूठे दावों और दुष्प्रचारों को खारिज करते हुए स्पष्ट कहा कि जिसने हमारे नागरिकों का खून बहाया, उसे हम पानी नहीं दे सकते।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भारत को सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार का जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत, एक अपस्ट्रीम देश के रूप में, हमेशा जिम्मेदार और जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार करता आया है। हरीश ने यह बयान स्लोवेनिया के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में दिया, जिसका विषय ‘सशस्त्र संघर्ष के बीच जल की सुरक्षा – आम नागरिकों के जीवन की सुरक्षा’ था।
पी. हरीश ने कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि को सद्भावना और मित्रता के आधार पर स्वीकार किया था। लेकिन बीते 65 वर्षों में पाकिस्तान की ओर से कभी मित्रता का प्रदर्शन नहीं किया गया। उल्टे, इस अवधि में पाकिस्तान ने भारत पर हजारों आतंकवादी हमले किए। भारतीय दूत ने जोर देकर कहा कि पिछले 40 सालों में पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों में 20,000 से अधिक भारतीयों की हत्या हुई है, जिनमें से सबसे हाल का हमला पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ एक बर्बर आतंकवादी हमला था।
इसके बावजूद भारत ने संयम बरता और उदारता दिखाई। लेकिन अब देश बदल चुका है नया भारत आतंकवाद के किसी भी स्वरूप को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने न केवल सीमा पर आतंकवादी हमले किए हैं, बल्कि भारत की तरफ से शुरू की गई विभिन्न परियोजनाओं को भी निशाना बनाया है, जिससे ऊर्जा उत्पादन और जलवायु परिवर्तन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। उन्होंने बताया कि साल 2012 में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में स्थित तुलबुल जल विद्युत परियोजना पर हमला किया था। ऐसे हमले न केवल परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं, बल्कि आम नागरिकों की जान के लिए भी बड़ा खतरा बनते हैं।
पी.हरीश ने आगे कहा कि पाकिस्तान यह मानने से इनकार नहीं कर सकता कि वह आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दे रहा है। पाकिस्तान में मौजूद आतंकवाद भारत के लिए एक गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि यह संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान, जो आतंकवाद का एक प्रमुख केंद्र है, पूरी तरह से और स्थायी रूप से सीमा पार आतंकवाद के समर्थन को बंद नहीं करता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ही सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है।