मुनीर और शहबाज शरीफ हुए बेनकाब, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
वांशिगटन: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष ने वैश्विक विश्लेषकों और रणनीतिक विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैटेलाइट से ली गई उच्च-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों के आधार पर यह साफ होता है कि भारत को इस टकराव में रणनीतिक बढ़त मिली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन तस्वीरों से यह संकेत मिलता है कि भारत ने पाकिस्तान के कई सैन्य अड्डों और हवाई ठिकानों को बेहद सटीकता से निशाना बनाते हुए, सीमित संसाधनों के बावजूद उन्हें गंभीर क्षति पहुंचाई है।
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के सैन्य ढांचे और एयरबेस को निशाना बनाया, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों से यह साफ़ हो गया है कि भारत द्वारा किए गए हमलों में पाकिस्तानी ठिकानों को प्रभावी रूप से निशाना बनाया गया और उन्हें नुकसान पहुंचा। इसके विपरीत, पाकिस्तान के दावे खोखले साबित हो रहे हैं, क्योंकि जिन भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले का दावा किया गया है, वहां सैटेलाइट तस्वीरों में कोई ठोस नुकसान नहीं दिखाई दे रहा है। तमाम सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि पाकिस्तान ने सिर्फ झूठी कहानियां बनाई हैं, जबकि भारत ने ज़मीन पर ठोस और असरदार कार्रवाई की है।
पाकिस्तान ने यह दावा किया था कि उसने भारत के उधमपुर एयरबेस पर हमला कर भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स की 12 मई को ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में ऐसे नुकसान के कोई ठोस या स्पष्ट सबूत नजर नहीं आए।
पाकिस्तान भले ही खुद को आतंकवाद का शिकार बताता रहे, लेकिन उसका असली चेहरा बार-बार दुनिया के सामने उजागर होता रहा है। वह चाहे जितना भी दावा करे कि उसकी जमीन पर आतंकवाद पनप नहीं रहा, हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय पर हमले के बाद, पाकिस्तान के उद्योग मंत्री राणा तनवीर हुसैन खुलेआम लश्कर के कमांडर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषित वैश्विक आतंकवादी मुज़म्मिल इक़बाल हाशमी से मिलने पहुंचे। सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने उससे माफी मांगी और मुरीदके में स्थित लश्कर के कैंप को फिर से सरकारी खर्च पर बनवाने का आश्वासन भी दे डाला। इससे यह साफ होता है कि पाकिस्तानी सेना और पाक के मंत्री कैसे आतंकियों के शरण में बैठे हैं।