अब्बास अंसारी (फोटो- सोशल मीडिया)
UP News: उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर आ रही है, जहां बाहुबली नेता दिवंगत मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से उनकी सजा पर रोक लगाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी किया। इस फैसले के बाद मऊ सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप अब्बास अंसारी की सदस्यता तत्काल प्रभाव से बहाल की जाती है। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाली का आदेश जारी किया।
मऊ से समाजवादी पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को बीती 31 मई को स्थानीय एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक फौजदारी मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई थी। इस सजा के आधार पर उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता बहाल कर दी।
अब्बास अंसारी पर 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) देने का आरोप लगा था। इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। अब्बास अंसारी के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि उनकी सदस्यता रद्द होने से क्षेत्र में उपचुनाव की संभावना बढ़ गई थी। अंसारी परिवार का मऊ सदर सीट पर उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। अब्बास अंसारी के पिता मुख्तार अंसारी का इस क्षेत्र में लंबे समय तक प्रभाव रहा है और अब्बास ने भी इस सीट पर 2022 के चुनाव में जीत हासिल की थी।
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गौरतलब है कि विधानसभा 3 मार्च 2022 को चुनाव प्रचार के दौरान मंच से अब्बास अंसारी ने कहा था कि ” सरकार बनने वाली है। 6 महीने तक किसी अधिकारी का ट्रांसफर नहीं होगा। पहले यहीं हिसाब होगा। इसके बाद ट्रांसफर होगा। जो एक प्रकार से अधिकारियों को सीधी धमकी दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि “अखिलेश भैया से बात हो गई है।” इस भड़काऊ बयान को लेकर विरोध हुआ और मऊ कोतवाली के तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।-एजेंसी इनपुट के साथ