अशोक लवासा, ओपी रावत, एसवाई कुरैशी
Delhi News: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा इंडिया गठबंधन चुनाव आयोग के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है। लगातार विपक्ष चुनाव आयोग पर वोट चोरी और SIR के जरिए भाजपा की मदद का आरोप लगा रहा है। अब इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को 12 वां दस्तावेज मानने का आदेश दे दिया है तो वहीं तीन पूर्व चुनाव आयुक्तों ने भी ज्ञानेश कुमार के रवैये पर सवाल उठाया है।
दरअसल राहुल गांधी की वोट चोरी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद काफी सियासी हंगामा हुआ था। राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर हमलों का भाजपा नेता जवाब दे रहे थे। इस पर जवाब सवाल उठे तो चुनाव आयोग ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का फैसला किया। इससे पहले राहुल गांधी से शपथ पत्र भी मांगा जा चुका था। ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस एक तरह से राहुल गांधी पर हमला किया था। जिन शब्दों का उन्होंने इस्तेमाल किया था वो विशुद्ध राजनीतिक थे।
अब इसी मामले पर इंडिया टूडे के एक कार्यक्रम में पूर्व चुनाव आयुक्तों ने अपना मत रखा है। कार्यक्रम में पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, एसवाई कुरैशी और ओपी रावत एक मंच पर थे। इनसे चुनाव आयोग पर राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर सवाल पूछे गए। जवाब में तीनों चुनाव आयुक्तों ने चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को ही कटघरे में खड़ा किया।
पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और कुरैशी ने कहा ने चुनाव आयोग द्वारा राहुल गांधी शपथ पत्र मांगे जाने के सवाल पर कहा कि शपथ पत्र की कोई जरूरत नहीं है। चाहे वह नेता प्रतिपक्ष हों या कोई आम आदमी। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि सही चुनाव कराए। रिसर्च के आधार पर नेता प्रतिपक्ष ने गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं तो चुनाव आयोग को जांच करके पब्लिक को बताना चाहिए कि क्या सही है। चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है। फ्री और फेयर चुनाव करने की जिम्मेदारी हैं। राहुल गांधी के आरोपों की जांच ज्ञानेश कुमार की जिम्मेदारी है, जो वह नहीं निभा रहे हैं।
वहीं ओपी रावत ने कहा कि राहुल गांधी का ओपिनियन व्यक्तिगत नहीं है। वह करोड़ों लोगों के प्रतिनिधि हैं। इसका मतलब है कि राहुल गांधी जो कह रहे हैं। उसके पीछे करोड़ों लोग हैं। मैं चुनाव आयोग की हिम्मत को दाद देता हूं कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से एफिडेविड मांग लिया, जबकि उन्हें जांच का आदेश देना चाहिए। गलतियां दोनों तरफ से हो सकती हैं अगर राहुल गांधी की तरफ से एफिडेविड मांग लिया जाए तो? वोट चोरी के आरोपों पर जिस तरह से गुस्सा हुए वो उन्हें इस तरह नहीं करना चाहिए।
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कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि ज्ञानेश कुमार को अब मोदी सरकार का पक्ष लेना बंद करना चाहिए, ‘वोट चोरी’ बंद करनी चाहिए। देश उन्हें देख रहा है और उनको कभी माफ नहीं करेगा।